Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

महिला अफसरों को ‘एक्स-सर्विसमैन’ कहने पर आपत्ति

‘जेंडर न्यूट्रल’ शब्द की मांग, याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगी प्रतिक्रिया
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

विजय मोहन/ ट्रिन्यू

Advertisement

चंडीगढ़, 24 नवंबर

सशस्त्र बलों की महिला कर्मियों से जुड़ा एक अहम मुद्दा उठाते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की गयी है। इसमें यह निर्देश देने की मांग की गयी है कि ‘एक्स-सर्विसमैन’ शब्द को ‘एक्स-सर्विस मेंबर’ या ‘एक्स-सर्विस पर्सोनल’ जैसे किसी जेंडर न्यूट्रल शब्द से बदला जाये। भारतीय सेना की शुरुआती महिला अधिकारियों में से एक, कैप्टन सुखजीत पाल कौर सानेवाल (सेवानिवृत्त) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए, कार्यवाहक चीफ जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस निधि गुप्ता की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से प्रतिक्रिया मांगी है।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि नर्सों और डॉक्टरों के रूप में महिलाएं हमेशा सेना का हिस्सा थीं, वहीं 1990 के दशक से वे अन्य क्षेत्रों में भी सेवाएं दे रही हैं। उच्च न्यायालयों और शीर्ष अदालत के निर्णयों के बाद वे कमांड नियुक्तियां भी संभाल रही हैं। फिर भी सरकारी नीतियों और योजनाओं में पूर्व महिला अधिकारियों को ‘एक्स-सर्विसमैन’ और ‘एक्स-सर्विसमेन’ के रूप में संदर्भित किया जाता है। याचिकाकर्ता ने कहा, ‘इससे न केवल गलत लिंग निर्धारण होता है, बल्कि यह लैंगिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देता है।’

याचिकाकर्ता ने कहा है कि वह स्पष्ट रूप से एक पुरुष नहीं हैं, वह एक महिला हैं, इसलिए उन्हें या किसी अन्य महिला अधिकारी को एक्स-सर्विसमैन नहीं कहा जाना चाहिये।

Advertisement
×