ठाणे, 13 जून (एजेंसी)
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित कर दी गईं प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में महाराष्ट्र में भिवंडी पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए सोमवार को समय मांगा। पुलिस ने उनका बयान दर्ज करने के लिए उन्हें तलब किया था। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शर्मा को समय दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि रजा अकादमी के एक प्रतिनिधि द्वारा 30 मई को दर्ज कराई गई शिकायत के बाद भिवंडी पुलिस ने नूपुर शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
कोलकाता पुलिस ने भी किया नूपुर को किया तलब
कोलकाता : कोलकाता पुलिस ने भी नूपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए 20 जून को नारकेलडांगा पुलिस थाने में पेश होने के लिए कहा गया है।
रामबन में इंटरनेट बहाल; भद्रवाह में कर्फ्यू जारी
रामबन/भद्रवाह : जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में 9 जून से निलंबित लैंडलाइन और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गयीं जबकि डोडा जिले के भद्रवाह शहर में साम्प्रदायिक तनाव के बाद सोमवार को लगातार पांचवें दिन भी कर्फ्यू लागू है। अधिकारियों ने बताया कि डोडा के कई अन्य हिस्सों और नजदीकी किश्तवाड़ जिले में एहतियाती कदम के तौर पर निषेधाज्ञा के तहत सख्त पाबंदियां लागू हैं लेकिन बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को वैध पहचान पत्र तथा प्रवेश पत्र दिखाकर आने-जाने दिया जा रहा है।
बुल्डोजर कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका
प्रयागराज (एजेंसी) : शहर के अटाला और करेली में शुक्रवार को हुए पथराव के बाद इस घटना के कथित मास्टरमाइंड मोहम्मद जावेद के करेली स्थित मकान के ध्वस्तीकरण के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) और जिला प्रशासन ने रविवार को जावेद उर्फ पंप के दो मंजिला मकान को ध्वस्त कर दिया था । जिला अधिवक्ता मंच के 5 वकीलों इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजी गई पत्र याचिका में दावा किया गया है कि पीडीए ने जिस मकान को ध्वस्त किया है, वास्तव में उस मकान का स्वामी जावेद नहीं है, बल्कि उसकी पत्नी परवीन फातिमा है। उक्त मकान को परवीन फातिमा की शादी से पूर्व उनके माता पिता ने उन्हें उपहार में दिया था। चूंकि जावेद का उस मकान और जमीन पर कोई स्वामित्व नहीं है, इसलिए उस मकान का ध्वस्तीकरण कानून के मूल सिद्धांत के खिलाफ है। इसमें यह दावा भी किया गया है कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को सही ठहराने के लिए पीडीए ने 11 जून को परवीन फातिमा के मकान पर एक नोटिस चस्पा कर दिया और उसमें पूर्व की तारीख पर कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने का उल्लेख किया गया। यह नोटिस न तो जावेद और न ही उनकी पत्नी परवीन फातिमा को कभी प्राप्त हुआ।