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अब पाकिस्तान से हेरोन के साथ अफगानी 'आइस ड्रग' मुफ्त

जुपिंदरजीत सिंह/ ट्रिन्यू चंडीगढ़, 7 मार्च ड्रग्स के मोर्चे पर 'आइस' एक नये खतरे के तौर पर उभर रहा है। पंजाब के युवाओं में इसकी लत बढ़ाने के लिए तस्कर सीमा पार से ड्रोन के जरिये हेरोइन के साथ आइस...
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प्रतीकात्मक चित्र
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जुपिंदरजीत सिंह/ ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 7 मार्च

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ड्रग्स के मोर्चे पर 'आइस' एक नये खतरे के तौर पर उभर रहा है। पंजाब के युवाओं में इसकी लत बढ़ाने के लिए तस्कर सीमा पार से ड्रोन के जरिये हेरोइन के साथ आइस मुफ्त भी भेज रहे हैं।

आइस (आईसीई) या क्रिस्टल मेथ या मेथाम्फेटामाइन आमतौर पर रसायनों से बना एक सिंथेटिक ड्रग है। अफगानिस्तान से भेजी जा रही इसकी नयी खेप इफेड्रा नामक जंगली पौधे से तैयार की जाती है। तालिबान ने 2021 में अफीम की खेती पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे हेरोइन की सप्लाई प्रभावित हुई, लेकिन इफेड्रा की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे इफेड्राइन प्राप्त कर आइस बनाया जाता है।

पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने खुलासा किया, 'हमने पिछले कुछ महीनों में देखा है कि अफगानिस्तान से हेरोइन लाने वाले पाकिस्तान के तस्कर एक के साथ एक मुफ्त जैसी योजना की तरह आइस भेज रहे हैं।' पिछले साल पंजाब पुलिस ने 22 किलो आइस बरामद किया, जो अब तक का रिकॉर्ड है। पिछले पांच दिनों में विशेष कार्रवाई में लगभग 2 किलो अाइस बरामद किया गया है।

दुनिया का सबसे बड़ा ड्रग तस्कर माना जाने वाला पाकिस्तान का हाजी सलीम व हाजी बलूच अफगानिस्तान में बनने वाले आइस को बढ़ावा दे रहा है। आइस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हेरोइन की कीमत के दसवें हिस्से पर उपलब्ध है। इसकी एक खुराक भी आमतौर पर हेरोइन की खुराक का दसवां हिस्सा होती है।

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