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'Nipun' India Mission : गर्मी की छुट्टियों में बच्चे सीखेंगे बिजली-पानी की बचत करना, पहली से 30 जून तक गतिविधियों में रहेंगे व्यस्त

खेल-खेल में विद्यार्थी बहुत कुछ सीख सकेंगे
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 28 मई।

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'Nipun' India Mission : हरियाणा के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को गर्मियों की छुट्टियों के दौरान बिजली व पानी की बचत के साथ पर्यावरण को बचाने का पाठ पढ़ाया जाएगा। एक दर्जन से अधिक गतिविधियों को बच्चों की छुट्टियों में शामिल किया है। ‘निपुण’ भारत मिशन के तहत विद्यार्थियों को गृहकार्य के साथ दूसरे काम भी सौंपे जाएंगे। इससे खेल-खेल में विद्यार्थी बहुत कुछ सीख सकेंगे। यही नहीं, ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी विद्यार्थियों को बताया जाएगा।

हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके लिए विशेष कार्ययोजना तैयार करके सभी जिलों के शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दी है। यह नई योजना पारंपरिक, रटने वाले, नीरस और रूढ़िवादी गृहकार्य के ढांचे को तोड़े का काम करेगी। नई योजना अनुभवात्मक, परियोजना आधारित और आनंदमय शिक्षा को बढ़ावा देगी। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को उनकी रुचियों, इंट्रेस्ट और परिवेश से जोड़ते हुए उन्हें भयमुक्त, तनावमुक्त और रचनात्मक तरीके से सीखने के अवसर प्रदान करना है।

पहली से 30 जून तक के लिए निर्धारित योजना में विद्यार्थी पर्यावरणीय अवलोकन, बिजली और पानी की बचत, पौधों की वृद्धि को रिकॉर्ड करना, तापमान और वर्षा की निगरानी जैसे कार्य करेंगे। साथ ही, डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को गूगल-पे, पेटीएम, गूगल मैप, डुओलिंगो जैसे एप की जानकारी हासिल कर सकेंगे। कैलेंडर देखना, क्षेत्रीय भाषाओं- हरियाणवी और पंजाबी को समझना, पारंपरिक खेल- लूडो, सांप-सीढ़ी, अंताक्षरी खेलना, खिलौने बनाना, सूर्योदय, चंद्रमा और तारों को देखना जैसे कार्यों के माध्यम से बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक दक्षता को आनंदमय और जीवंत तरीकों से विकसित किया जाएगा।

इसके जरिये ना केवल विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास होगा बल्कि वे सामाजिक पहलुओं को भी समझ सकेंगे। बच्चों को फल के बीज एकत्रित करने और लगाने, ध्यान और योग करने, प्रार्थना करने, बुजुर्गों की सेवा जैसे कार्यों के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे अनुशासन, करुणा और आत्मिक संतुलन विकसित होगा। विद्यार्थियों को घरेलू कार्यों में हाथ बंटाना, जैसे कपड़े धोना, पौधों को पानी देना, बिजली और पानी की बचत करना भी सिखाया जाएगा।

अकादमिक कौशल को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को अपने और अपने परिवार के आधार कार्ड व मोबाइल नंबर याद करने, देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद व विधायक के नाम जानने जैसे कार्य दिए गए हैं। कक्षा 5 के विद्यार्थियों को दो पुस्तकें पढ़कर उन पर 100 शब्दों की समीक्षा लिखनी है। साथ ही, वीडियो प्रस्तुत करना भी होगा। यात्रा के अनुभवों पर आधारित ट्रैवलॉग लेखन, कविताएं, चुटकुले और पहेलियां याद करना बच्चों की भाषा दक्षता और सांस्कृतिक समझ को समृद्ध करेगा।

सैनिकों से भी करेंगे मुलाकात

‘एक मुलाकात रक्षक के साथ’ विषय के अंतर्गत विद्यार्थी सैनिकों से मिलेंगे। उनके साथ सेल्फी लेंगे। उनके पदक, रैंक और प्रशिक्षण संस्थानों की जानकारी प्राप्त करेंगे। यह गतिविधियाँ न सिर्फ देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता की भावना जगाएंगी, बल्कि पुलवामा और ऑपरेशन सिंदूर जैसे वास्तविक घटनाओं से बच्चों को भावनात्मक रूप से जोड़ेंगी। योजना की एक विशेष बात इसका मूल्यांकन मॉडल है। इसमें अभिभावकों को 72 घंटे की अवधि के दौरान अपने बच्चों के कार्यों का मूल्यांकन करना होगा। यह अवलोकन आधारित मूल्यांकन भागीदारीपूर्ण, आनंददायक और पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने वाला होगा।

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