नयी दिल्ली, 30 जुलाई (एजेंसी)
दिल्ली सरकार ने नयी आबकारी नीति को फिलहाल वापस लेने का फैसला किया है और सरकार की ओर से चलाई जा रही दुकानों के जरिये शराब की बिक्री करने का निर्देश दिया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को यह जानकारी दी। शहर में चल रही 468 निजी शराब की दुकानें उनके लाइसेंस की अवधि और नई आबकारी नीति की अवधि 31 जुलाई को समाप्त होने के बाद एक अगस्त से बंद हो जाएंगी।
सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ‘गुजरात में अवैध शराब का कारोबार चला रहे हैं’ और वे अब दिल्ली में भी ऐसा ही करना चाहते हैं। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि शराब अब केवल सरकारी दुकानों के माध्यम से बेची जाए और कोई अराजकता न हो। सिसोदिया ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा शराब की दुकानों के लाइसेंसधारियों और आबकारी अधिकारियों को धमकाने के लिए सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि कई लाइसेंसधारियों ने अब दुकानें बंद कर दी हैं और आबकारी अधिकारी खुदरा लाइसेंस की खुली नीलामी शुरू करने को लेकर डरे हुए थे। उन्होंने कहा कि वे शराब की कमी पैदा करना चाहते हैं, जिससे वे दिल्ली में शराब का अवैध व्यापार कर सकें, जैसा कि वे गुजरात में कर रहे हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। नयी आबकारी नीति की अवधि को 30 अप्रैल के बाद दो बार दो-दो महीने के लिए बढ़ाया गया था। यह अवधि 31 जुलाई को समाप्त होगी। सिसोदिया ने कहा कि पुरानी आबकारी नीति में कई सरकारी शराब की दुकानें थीं और इनमें भ्रष्टाचार हुआ करता था, लेकिन नई नीति के जरिये इसे रोका गया था।