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Mock Drill Operation : प्रतिकूल स्थिति का सामना... मॉक ड्रिल से आपातकालीन तैयारियों को गया परखा

प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए देश भर में हुई ‘मॉक ड्रिल'
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नई दिल्ली, 7 मार्च (भाषा)

Mock Drill Operation : राष्ट्रव्यापी ‘ऑपरेशन अभ्यास' के तहत बुधवार को विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हवाई हमलों, आग लगने की आपात स्थिति और खोज एवं बचाव कार्यों जैसे कई परिदृश्यों का अनुकरण करने के लिए ‘मॉक ड्रिल' की गई।

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पिछले महीने हुए आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ‘मॉक ड्रिल' का निर्देश जारी किया था। पहलगाम हमले के बाद पाक के साथ बढ़ते तनाव के बीच ‘नए और जटिल खतरे' सामने आए हैं, जिसके बाद मंत्रालय ने यह निर्देश जारी किया था। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हो गयी थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में मंगलवार देर रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए। दिल्ली में कई स्थानों पर पीसीआर वैन और दमकल की गाड़ियां तैनात की गई थीं।

सुरक्षा कर्मियों और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को भी बड़ी संख्या में तैनात किया गया था। सायरन की आवाज के बीच सुरक्षित स्थानों पर भागते हुए निवासी, स्ट्रेचर पर घायल लोगों को ले जाने जैसे दृश्य दिल्ली में 55 स्थानों पर देखे गए। ऊंची इमारतों तक पहुंचने और वहां ‘फंसे' हुए लोगों को निकालने के लिए दिल्ली अग्निशमन सेवा की क्रेन का इस्तेमाल किया गया। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सायरन बजाया गया। चिकित्सकों की एक टीम और कई एम्बुलेंस के साथ दमकल की टीमें मौके पर पहुंचीं।

दिल्ली भर के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने आपात स्थिति की तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से सुरक्षा अभ्यास में भाग लिया, जिसमें व्यवस्थित तरीके से हटने का अभ्यास करना, डेस्क के नीचे शरण लेना और सायरन बजने पर बिजली के उपकरणों को बंद करना शामिल था। पंजाब में कई स्थानों पर राष्ट्रव्यापी अभ्यास के तहत ‘मॉक ड्रिल' की गई।

प्रदेश के फिरोजपुर, लुधियाना, अमृतसर, बठिंडा, गुरदासपुर, होशियारपुर, पटियाला, पठानकोट, बरनाला और मोहाली में आग लगने और अन्य आपात स्थितियों में बचाव कार्यों का अनुकरण करने वाली ‘मॉक ड्रिल' की गई। अभ्यास का उद्देश्य आपात प्रतिक्रिया तंत्र की प्रभावकारिता का मूल्यांकन कर उसे बढ़ाना था। ‘मॉक ड्रिल' के दौरान स्वयंसेवकों द्वारा घायलों को स्ट्रेचर पर एम्बुलेंस तक ले जाने, आग बुझाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने सरीखे दृश्य देखे गए।

‘मॉक ड्रिल' में अग्निशमन एवं आपात सेवाओं, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों सहित कई एजेंसियों की समन्वित भागीदारी देखी गई। इसके अलावा नागरिक सुरक्षा, राष्ट्रीय सेवा योजना और राष्ट्रीय कैडेट कोर के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों ने भाग लिया। अभ्यास शाम 4 बजे अलार्म के साथ शुरू हुआ, जिससे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, अग्निशमन दल, जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, नागरिक सुरक्षा और एनसीसी सहित कई एजेंसियों के बीच तेजी से समन्वय हुआ।

अधिकारियों ने बताया कि अभ्यास शाम 4 बजे शुरू हुआ, जिसके तहत बालूतार में एनएचपीसी पावर हाउस पर हवाई हमला हुआ और संस्थान में आग लग गई। ऐसा माना गया कि एनएचपीसी के कई कर्मचारियों के फंसे होने और घायल होने की आशंका है। इस स्थिति को देखते हुए आपात प्रोटोकॉल को तुरंत सक्रिय कर दिया गया, जिसमें सायरन बजाकर लोगों को आश्रय लेने के लिए सतर्क किया गया और आस-पास की सभी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद कर दिया गया।

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