जम्मू, 3 जून (एजेंसी)
कश्मीर में लगातार बढ़ रही ‘टारगेट किलिंग’ के कारण कश्मीरी पंडितों ने पलायन शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत घाटी में नौकरी पाने वाले कई कश्मीरी पंडित घाटी छोड़कर अपने परिवार के साथ जम्मू पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकियों द्वारा लक्षित कर की गई हत्याओं के कारण घाटी में डर का माहौल व्याप्त है। पिछले कुछ सप्ताह में उन्होंने किराए के घरों में रात गुजारी। प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत चयनित होने के बाद लगभग 4 हजार विस्थापित कश्मीरी पंडित घाटी में विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं। घाटी से लौटे एक कर्मचारी दीपांकर रैना ने कहा कि हमने अपने सहकर्मी राहुल भट को खो दिया। इसके बाद हमने जम्मू के लिए रवाना होने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि पीएम पैकेज के ज्यादातर कर्मी वहां रहने में झिझक रहे थे, लेकिन सरकार ने ट्रांजिट शिविरों को कंटीले तारों से सील कर दिया है और किसी को जाने नहीं दे रहे हैं। एक अन्य कर्मी अमित कौल ने कहा कि वे अपने परिवार की जान खतरे में नहीं डालना चाहते। जगनेश कुमार ने कहा कि कुपवाड़ा, बारामुला, अनंतनाग और बड़गाम में किराए के घरों में रहने वाले बहुत से लोग जम्मू के लिए रवाना हो चुके हैं। अपने पति और बच्चे के साथ आई एक महिला कर्मचारी ने कहा कि भट की हत्या होने के बाद से उनके परिवार के लिए हर दिन एक दुःस्वप्न की तरह था।
वीरान हुए ट्रांजिट कैंप
श्रीनगर (समान लतीफ) : कश्मीर में टारगेट किलिंग के बीच प्रवासी कश्मीरी पंडितों के ट्रांजिट कैंप शुक्रवार को वीरान नजर आए। दरअसल, घाटी में लगातार हो रही हत्याओं से घबराए सैकड़ों कर्मचारी बृहस्पतिवार रात को परिवार सहित जम्मू चले गए। अत्यधिक सुरक्षा वाले शेखपुरा ट्रांजिट कैंप में लगभग 400 प्रवासी परिवार रहते थे, लेकिन वहां अब केवल 30 परिवार बचे हैं। ऐसा ही दृश्य अनंतनाग, कुपवाड़ा अौर बारामूला के ट्रांजिट कैंपों में नजर आया, जहां करीब 50 फीसदी परिवार पलायन कर गए हैं। कश्मीरी पंडितों के एक नेता अवतार भट ने कहा कि किराये के मकानों में रहने वाले ज्यादातर कर्मचारी घाटी छोड़कर जम्मू चले गए हैं। उन्होंने कहा कि 150 परिवारों में 105 यहां पलायन कर चुके हैं। वेसु अनंतनाग कैंप में 600 परिवारों में से लगभग 350 परिवार चले गए हैं।
शाह ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की
नयी दिल्ली (एजेंसी) : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर घाटी में चुनिंदा तरीके से एक के बाद एक की जा रही हत्याओं के मद्देनजर शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेना प्रमुख मनोज पांडे तथा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस बैठक में हिस्सा लिया। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि बैठक में अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा इंतजाम का मामला भी उठा। बैठक ऐसे समय हुई, जब आतंकियों ने घाटी में चुनिंदा ढंग से गैर-मुसलमानों, सुरक्षाकर्मियों, एक कलाकार एवं स्थानीय नागरिकों समेत एक के बाद एक कई लोगों की हत्या की है। बृहस्पतिवार को 2 अलग-अलग घटनाओं में कश्मीर में एक बैंककर्मी एवं ईंट भट्टा मजदूर की हत्या कर दी गयी, जबकि एक अन्य मजदूर को घायल कर दिया गया। एक मई के बाद से कश्मीर में बैंककर्मी तथा श्रमिक की हत्या चुनिंदा ढंग से की गयी हत्या थी। मंगलवार को कुलगाम में आतंकवादियों ने जम्मू क्षेत्र के सांबा जिले की एक अध्यापिका की गोली मारकर हत्या कर दी थी।