Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Mahakumbh Mela 2025 : कल होगा पहला शाही स्नान, नहाने के लिए बिल्कुल तैयार सभी गंगा घाट

Mahakumbh Mela 2025 : कल होगा पहला शाही स्नान, नहाने के लिए बिल्कुल तैयार सभी गंगा घाट
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

महाकुंभ नगर, 12 जनवरी (भाषा)

Mahakumbh Mela 2025 : संगम की रेती पर आयोजित विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम महाकुंभ, सोमवार के स्नान पर्व से प्रारंभ होने जा रहा है जिसके लिए मेला प्रशासन ने पूरी तरह से तैयारी का दावा किया है। हालांकि अभी कई जगहों पर कार्य प्रगति पर है।

Advertisement

स्नान से एक दिन पूर्व ‘पीटीआई-भाषा' ने रविवार को संगम घाट और अन्य घाटों पर तैयारियों का जायजा लिया। सभी घाट स्नान के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इस बार संगम तट के अलावा नदी के बीच में कई ‘चेंजिंग रूम' बनाए गए हैं और सभी नाविकों को यात्रियों के लिए ‘लाइफ जैकेट' दिए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नाव के किराए की दर का बोर्ड भी लगाया गया है।

संगम क्षेत्र में स्नान के लिए भारी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं को लेकर उत्साहित नाविक विष्णु निषाद ने कहा, “इस बार का कुंभ मेला हम नाविकों के जीवन में खुशी की लहर लेकर आया है। मेला प्रशासन द्वारा किराया बढ़ाने से सभी नाविक उत्साहित हैं।” स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को विशेष महत्व देते हुए महाकुंभ में पहली बार ‘अंडर वॉटर ड्रोन' तैनात किया गया है जो 24 घंटे पानी के भीतर हर गतिविधियों की निगरानी करने में सक्षम है।

प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक (पूर्वी जोन) डॉक्टर राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि पानी के अंदर बेहद तेज गति से काम करने वाले इस ड्रोन की सबसे खास बात यह है कि यह अंधेरे में भी लक्ष्य पर सटीक नजर रखने और पानी के नीचे 100 मीटर गहराई तक टोह लेने में सक्षम है। उन्होंने बताया कि यहां 700 झंडे लगी नावों पर 24 घंटे प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) व राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान तैनात रहेंगे। साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर गोताखोर तैनात किए गए हैं।

महाकुंभ का स्नान पर्व 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ प्रारंभ होकर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि तक चलेगा। इस अवधि में मुख्य स्नान पर्व 14 जनवरी (मकर संक्रांति) 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और तीन फरवरी (बसंत पंचमी) का है। सेक्टर 18 में अखाड़ों विशेषकर जूना अखाड़ा के शिविरों की कुटिया में धुनी रमाये नागा साधुओं को देखने और उनसे मिलने के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। महाकुंभ के मुख्य आकर्षण इन अखाड़ों को बसाने में मेला प्रशासन ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।

इसी प्रकार, अपनी दिव्यता और भव्यता के लिए चर्चा में रहे पायलट बाबा, जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि और निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविरों में देसी और विदेशी अतिथियों का आगमन प्रारंभ हो चुका है और इनके शिविर पूरी तरह से तैयार हैं। मेला क्षेत्र में सेक्टर 18 में संगम लोअर मार्ग पर पायलट बाबा के शिविर में मौजूद महामंडलेश्वर शैलेशानंद गिरि ने तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उनका शिविर लगभग तैयार है, ज्यादातर अतिथि आ चुके हैं और मेला प्रशासन ने बहुत अच्छी व्यवस्था की है।

मेला क्षेत्र के वीआईपी सेक्टर कहे जाने वाले सेक्टर 2, 3, 4, 18 और 19 में अखाड़ों और प्रशासनिक अधिकारियों के शिविर बनकर तैयार हैं, लेकिन कल्पवासियों के शिविरों में शौचालय और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी की शिकायतें आ रही हैं। सेक्टर 18 में कल्पवासियों के शिविर लगाने वाले मनीष त्रिपाठी ने बताया कि नल की पर्ची जमा किए हुए 10 दिन बीत गए, लेकिन अभी तक शिविर में नल नहीं लगा है और मेला प्रशासन में कोई सुनवाई नहीं हो रही। सेक्टर छह में रामपति सेवा आश्रम नाम से कल्पवासियों का शिविर चला रहे शिवाकांत त्रिपाठी ने बताया कि उनके शिविर में पांच नल लगे हैं, लेकिन एक ही नल में पानी आता है। कुछ शौचालय ही बने हैं और बाकी शौचालय के लिए गड्ढे खोदे गए हैं।

सेक्टर 15 के कबीर नगर में गुरु की सेवा में लगे डॉक्टर नरेन्द्र नाथ ने बताया कि सेक्टर नौ से लेकर सेक्टर 15 तक में प्लॉट तो आबंटित कर दिए गए हैं लेकिन मूलभूत सुविधाएं नहीं दी गई हैं। इन सेक्टरों में मुक्ति मार्ग, संगम लोअर मार्ग, हर्षवर्धन मार्ग और तुलसी मार्ग पर ‘चकर्ड प्लेट' (जमीन पर रास्ता बनाने के लिए स्टील की लंबी प्लेट) एक दूसरे से जुड़ी हुई नहीं है जिससे गाड़ियों के आवागम न दिक्कत हो रही है। उन्होंने बताया कि नागवासुकी मार्ग पर सेक्टर 6 और 17 को आपस में जोड़ने वाले नाले पर अभी तक पीपे का पुल नहीं बना है।

डॉक्टर नरेन्द्र ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “सरकार के प्रमुख नेता और अधिकारी केवल संगम क्षेत्र, वीआईपी क्षेत्र और अखाड़े को छोड़कर अन्य कहीं निरीक्षण करने नहीं जाते। पूरे मेले में 500 ऐसी संस्थाएं हैं जिनके प्लॉट खाली हैं। इन्हें सुविधा आबंटित है लेकिन शिविर इसलिए नहीं लग पाए हैं क्योंकि टेंट हाउसों ने सुविधाएं देने से मना कर दिया।”

वहीं, सेक्टर 21 में राजधानी खालसा शिविर के प्रभुदास जी महाराज ने बताया कि बुनियादी सुविधाओं को छोड़कर सभी व्यवस्थाएं जैसे टेंट आदि उन्होंने अपने लगाए हैं। मेला देर से बसा है, इसलिए समस्याएं आना स्वभाविक है। सेक्टर 18 में श्री कल्याण सेवा आश्रम, अमरकंटक शिविर के नागा बाबा ने भी व्यवस्थाओं को लेकर संतोष व्यक्त किया और कहा कि सब कुछ अच्छा है। संगम तट पर स्नान के लिए आए राम सुमिरन ने कई शौचालयों में शौच के लिए लोटा या मग नहीं होने से व्यवहारिक समस्या आने की बात कही।

Advertisement
×