सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 1 अगस्त
कश्मीर में आतंकवाद अब दूसरी पीढ़ी तक जा पहुंचा है। यह इससे साबित होता है कि दो दिन पहले बारामूला मुठभेड़ में जो आतंकी मारा गया वह दूसरी पीढ़ी थी जबकि उसका बाप भी वर्ष 2015 में आतंकी के तौर पर मारा गया था। पुलिस के अनुसार, 30 जुलाई को मारा गया इरशाद अहमद बट वैयलू पट्टन, बारामूला का रहने वाला था। हालांकि वह कोई पुराना या दुर्दांत आतंकी नहीं था क्योंकि पुलिस रिकार्ड कहता था कि उसने इसी साल मई महीने में आतंकी गुट ज्वायन किया था।
पुलिस के बकौल, वह मई 2022 से पहले हिज्बुल मुजाहिदीन के लिए ओजीडब्ल्यू और कूरियर के तौर पर कार्य करता रहा था। फिर उसने बंदूक उठा ली और अपने ही जिले के कुछ नागरिकों पर हमले कर उन्हें जख्मी कर दिया। बाद में एक की मौत भी हो गई थी। उसका बाप फ्याज अहमद बट भी आतंकी ही था जिसे सुरक्षाबलों ने वर्ष 2015 में एक मुठभेड़ में मारा गिराया था। वह भी हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ जुड़ा हुआ था। और सात सालों के अंतराल के बाद उसका बेटा भी आतंकी के रूप में मारा गया।
इरशाद ने अपने बाप की मौत के दो सालों के बाद ही आतंकियों का साथ देना आरंभ किया था और हथियारों समेत पकड़े जाने पर उसे पांच सालों की जेल के बाद इसी साल अप्रैल में कोर्ट ने रिहा किया और एक माह के बाद वह पूरी तरह से आतंकी गतिविधियों में कूदा तो उसका हश्र भी अपने बाप की ही तरह हो गया।