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कंगना रणौत ने X पर लिखा, मैं मंडी के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जाना चाहती थी, पर मिली न जाने की सलाह

चंडीगढ़, 4 जुलाई (वेब डेस्क) Kangana Ranaut: अभिनेत्री व भाजपा की मंडी से सांसद कंगना रणौत ने हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने से हुई तबाही पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि वे प्रभावित क्षेत्रों का...
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चंडीगढ़, 4 जुलाई (वेब डेस्क)

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Kangana Ranaut: अभिनेत्री व भाजपा की मंडी से सांसद कंगना रणौत ने हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने से हुई तबाही पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि वे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहती थीं, लेकिन विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अभी न जाने की सलाह दी। उनकी इस टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर खूब कमेंट आ रहे हैं।

कंगना ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “हर साल हिमाचल में इस तरह की बाढ़ की तबाही देखना दिल तोड़ देने वाला है। मैंने सिराज और मंडी के अन्य बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचने की कोशिश की, लेकिन आदरणीय नेता विपक्ष @jairamthakurbjp जी ने सलाह दी कि जब तक पहुंच मार्ग बहाल न हो, तब तक इंतजार किया जाए। मंडी डीसी द्वारा भी आज रेड अलर्ट जारी किया गया है। आधिकारिक अनुमति मिलते ही मैं वहां पहुंचूंगी।”

सोशल मीडिया पर आईं मिली-जुली प्रतिक्रियाएं

कंगना की पोस्ट पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कई लोगों ने उनके संवेदनात्मक रुख की सराहना की, लेकिन कुछ यूज़र्स ने कटाक्ष करते हुए पूछा – “क्या जयराम ठाकुर जी ने ट्वीट करने से भी मना किया था?” एक अन्य यूज़र ने लिखा – “जाग गईं दीदी, 3 दिन बाद?” बता दें, सबसे ज्यादा आपदा प्रभावित क्षेत्र मंडी है। यह कंगना का लोकसभा क्षेत्र है।

यह भी पढ़ेंः Himachal Weather: मानसूनी बारिश से दो सप्ताह में 43 की मौत, 37 लोग लापता, कल से फिर ‘ऑरेंज’ अलर्ट

राज्य में बारिश का कहर, अब तक 43 मौतें

हिमाचल प्रदेश में बीते कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और कई स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है।हिमाचल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार अब तक 43 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 400 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है।

मंडी का थुनाग क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित

मंडी जिले का थुनाग सब-डिवीजन सबसे अधिक प्रभावित है, जहां सड़कें टूट चुकी हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बचाव और राहत कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन खराब मौसम और सड़क बंद होने से चुनौतियां बनी हुई हैं।

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