Jaish-e-Mohammed पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के एक और शीर्ष आतंकी की रहस्यमय मौत
चंडीगढ़, 4 जून (ट्रिन्यू)
Jaish-e-Mohammed पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के कट्टर कमांडर और ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ के प्रमुख प्रवक्ता मौलाना अब्दुल अजीज इसर की 2 जून को रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। संगठन के समर्थकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनकी मौत की पुष्टि की है, लेकिन पाकिस्तान की पुलिस और सरकार ने अब तक मौत के कारण की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। जैश के सूत्रों का दावा है कि मौलाना को अचानक दिल का दौरा पड़ा था।
पंजाब के भक्कर जिले के अशरफवाला गांव के निवासी अब्दुल अजीज लंबे समय से जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष आतंकवादियों में शुमार था। वह कट्टरपंथी नीतियों के प्रबल समर्थक था और ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ जैसे उग्र विचारधारा के पैरोकार था। उसका अंतिम संस्कार बहावलपुर में जैश के मुख्यालय ‘मर्कज़’ में किया गया, जो संगठन में उनकी उच्च स्थिति को दर्शाता है।
बहावलपुर का यह मर्कज़ भारत में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रमुख निशाने पर था। यही स्थान 2019 के पुलवामा हमले सहित कई बड़े आतंकी हमलों की साजिशों का केंद्र रहा है। ऑपरेशन के बाद मौलाना अजीज काफी उत्तेजित था और उन्होंने लगातार भारत के खिलाफ तीखी और जंगली बयानबाज़ी की।
पिछले महीने ही एक रैली में उन्होंने कश्मीर पर कब्जे की खुली धमकी दी थी। वायरल हुए एक वीडियो में उसने कहा था कि मुजाहिदीन आ रहे हैं, अगर सरकार संभाल सकती है तो संभाले, नहीं तो मुजाहिदीन आपके मुंह से कश्मीर छीन लेंगे... मुजाहिदीन निकल पड़े हैं।
मौलाना अब्दुल अजीज ने भारत को सोवियत संघ जैसी विखंडित ताकत बताते हुए आतंकवादियों से ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ की मशाल जलाए रखने की अपील की थी।
पाक अधिकारियों व मीडिया से साधी चुप्पी
उसकी मौत जैश-ए-मोहम्मद के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है। हालांकि, पाकिस्तान के अधिकारी और मीडिया इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। यह घटना क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है और आतंकवाद के खिलाफ जारी संघर्ष को और जटिल बना सकती है।