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International Scholarly Conference : आजादी के आंदोलन में आर्य समाज का सर्वाधिक योगदान : स्वामी रामदेव

स्वामी इंद्रवेश विद्यापीठ टिटोली में अंतरराष्ट्रीय विद्वत सम्मेलन का हुआ शुभारम्भ
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स्वामी इंद्रवेश विद्यापीठ टिटोली में आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते योग गुरू स्वामी रामदेव। निस
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रोहतक, 7 मार्च (निस)

International Scholarly Conference : स्वामी इंद्रवेश विद्यापीठ टिटोली में शुक्रवार को तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय विद्वत सम्मेलन का भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्वामी रामदेव ने बतौर मुख्यअतिथि शिरक्त की और दीप प्रज्जवलन कर समारोह का शुभारम्भ किया।

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उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता संग्राम में आर्य समाज और ऋषि दयानंद के अनुयायियों का अतुलनीय योगदान रहा है। उन्होंने गुरु विरजानंद, स्वामी श्रद्धानंद, लाला लाजपत राय, चाचा अजीत सिंह, शहीद भगत सिंह और रामप्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों को स्मरण करते हुए कहा कि इन महापुरुषों की प्रेरणा से हजारों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आजादी दिलाई।

आज हम उन्हीं के बलिदानों के कारण स्वतंत्रता की हवा में सांस ले रहे हैं। इस अवसर पर स्वामी आर्यवेश ने कहा कि यह महासम्मेलन आर्य समाज की दशा और दिशा में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। इस सम्मेलन के माध्यम से आर्य समाज के प्रत्येक वर्ग को लाभ पहुंचाने एवं समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आगामी तीन दिनों तक देश-विदेश से आए विद्वान आर्य समाज के अगले 50 वर्षों की रूपरेखा तैयार करेंगे। वरिष्ठ आर्य संन्यासी स्वामी प्रणवानंद ने कहा कि स्वामी दयानन्द के विचारों को ओर ज्यादा अपनाने की आवश्यकता है। पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद ने कहा की ऋषि दयानन्द का जीवन ओर उनके कार्य ही समाज को प्रेरणा देने वाले हैं।

इससे पहले योग गुरू रामदेव ने विद्यापीठ में आयोजित हवन यज्ञ में भी आहूति डाली। साथ ही सार्वदेशिक आर्या युवती परिषद की राष्ट्रीय अध्यक्षा प्रवेश आर्या व पूनम आर्या को भी सम्मानित किया।

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