नयी दिल्ली, 14 जुलाई (एजेंसी)
बेहतर मानसून के साथ सब्जियों समेत अन्य खाने का सामान सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति जून में छह साल के निचले स्तर 2.1 प्रतिशत पर रही है। यह भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से काफी नीचे है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में 2.82 प्रतिशत और जून, 2024 में 5.08 प्रतिशत थी। नवंबर, 2024 से महंगाई दर में लगातार गिरावट आ रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बयान में कहा कि इस साल जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में 0.72 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह जनवरी, 2019 के बाद महंगाई की सबसे कम दर है। इससे पहले, जनवरी, 2019 में मुद्रास्फीति का निचला स्तर 1.97 प्रतिशत था।
इस बीच, थोक मुद्रास्फीति में भी गिरावट आई है और जून में यह 19 महीने के बाद शून्य से नीचे 0.13 प्रतिशत रही। मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों और ईंधन के दाम में गिरावट के साथ विनिर्मित उत्पादों की कीमत में नरमी से थोक महंगाई दर कम हुई है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में 0.39 प्रतिशत रही। पिछले साल जून में यह 3.43 प्रतिशत थी। उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुद्रास्फीति में जून महीने में गिरावट का कारण मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, मूल धातुओं के विनिर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस आदि की कीमतों में कमी है।
शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट
मुंबई (एजेंसी): स्थानीय शेयर बाजार में सोमवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट रही और सेंसेक्स 247 अंक टूट गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 68 अंक के नुकसान में रहा। सेंसेक्स 247.01 अंक यानी 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,253.46 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 490.09 अंक टूटकर 82,010.38 अंक तक आ गया था। निफ्टी भी 67.55 अंक यानी 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,082.30 अंक पर बंद हुआ।