भारत ने रूस से कच्चे तेल की आपूर्ति पर अमेरिकी प्रतिबंध लगने की आशंका को ज्यादा महत्व न देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उसे अपने तेल आयात की जरूरतों को वैकल्पिक स्रोतों से पूरा करने का भरोसा है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक भारत रूस से तेल की आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा से निपटने के लिए अन्य देशों से तेल खरीद सकता है। पुरी ने रूस पर संभावित अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभाव को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि मेरे दिमाग में इसे लेकर किसी तरह का दबाव नहीं है। भारत तेल आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लाया है। हम पहले 27 देशों से तेल खरीदते थे, अब यह संख्या बढ़कर लगभग 40 हो गई है। पुरी हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) की तरफ से आयोजित वार्षिक सम्मेलन ‘ऊर्जा वार्ता’ में शिरकत के लिए आए थे। भारत कच्चे तेल की जरूरत का 85 प्रतिशत से अधिक हिस्सा आयात से पूरी करता है। परंपरागत रूप से पश्चिम एशिया भारत का मुख्य तेल आपूर्तिकर्ता रहा है, लेकिन पिछले तीन वर्षों में रूस प्रमुख स्रोत के रूप में उभरकर सामने आया है। फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय रूस ने कच्चे तेल पर भारी छूट देनी शुरू कर दी थी जिससे भारत जैसे देशों को बहुत फायदा हुआ। आज के समय में रूस, भारत के कुल कच्चे तेल आयात का लगभग 40 प्रतिशत की आपूर्ति करता है।
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