मुंबई, 6 जून (एजेंसी)
भारतीय रिजर्व बैंक ने आर्थिक वृद्धि तेज करने के मकसद से शुक्रवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को उम्मीद से अधिक 0.5 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी अप्रत्याशित रूप से एक प्रतिशत घटाने की घोषणा की। इस कदम से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अधिक नकदी उपलब्ध होगी। इससे मकान, वाहन और अन्य कर्ज सस्ते होने की उम्मीद है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई वाली छह-सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति के छह में से पांच सदस्यों ने रेपो दर घटाने के पक्ष में मतदान किया। सीआरआर में छह सितंबर से 29 नवंबर, 2025 के बीच चार बराबर किस्तों में 0.25 प्रतिशत की कटौती होगी, जिससे यह घटकर तीन प्रतिशत रह जाएगी। आरबीआई ने मौद्रिक नीति के रुख को उदार से तटस्थ में बदलने की भी घोषणा की। केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति अनुमान को चार प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है।
वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘उम्मीद है कि बैंक रेपो दर में कमी का लाभ उपभोक्ताओं को देंगे। सीआरआर में कटौती से उनके पास जो अतिरिक्त नकदी होगी, उससे कर्ज वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।’ रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं।
क्रिप्टो करंसी को लेकर चिंता आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक, क्रिप्टोकरंसी को लेकर चिंतित है क्योंकि इससे वित्तीय स्थिरता बाधित हो सकती है। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, क्रिप्टो के मामले में बताने के लिए अभी कुछ नया नहीं है, सरकार की एक समिति इस पर नजर रख रही है।
स्विट्जरलैंड क्रिप्टो लेनदेन की सूचना देने को तैयार बर्न स्विट्जरलैंड ने शुक्रवार को भारत और 73 अन्य देशों के साथ क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर सूचना के स्वचालित लेनदेन का प्रस्ताव रखा। इस कदम से विदेशों में भारतीयों द्वारा क्रिप्टो मुद्राओं के रूप में जमा किए गए धन की निगरानी करने में मदद मिलेगी।