नयी दिल्ली (एजेंसी) : इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का हिस्सा रही ऐतिहासिक राइफल और सैनिक के हेलमेट को शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ले जाया गया। सशस्त्र बलों ने इन्हें स्मारक के परम योद्धा स्थल पर पहुंचा दिया है। यह राइफल और हेलमेट 1971 के युद्ध के शहीद सैनिकों का प्रतीक है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि राइफल और हेलमेट को परम वीर चक्र विजेताओं की आवक्ष प्रतिमाओं के बीच स्थापित किया गया। ‘इस समारोह के साथ, 1971 के शहीद सैनिकों के स्मारक का एकीकरण राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में पूरा हो गया है।’
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।