Haryana Local Body Elections: प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टर भी लड़ सकते हैं नगर परिषद व पालिका चुनाव
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 12 फरवरी
Haryana Local Body Elections: हरियाणा में नगर परिषद और नगर पालिका के चुनाव वे व्यक्ति भी लड़ सकते हैं, जो प्रॉपर्टी टैक्स के डिफाल्टर हैं। राज्य सरकार या चुनाव आयोग परिषद और पालिका के मामले में ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकते। हालांकि नगर निगम में चुनाव लड़ने के लिए प्रॉपर्टी टैक्स व दूसरे बकाया क्लीयर करने अनिवार्य हैं। हरियाणा नगर निगम कानून-1994 की धारा-8 में स्पष्ट है कि निगम के प्रति किसी भी प्रकार की धनराशि देय होना अयोग्यता है।
वहीं नगर परिषद और नगर पालिका के लिए बने हरियाणा म्युनिसिपल कानून-1973 की धारा 13-ए में प्रॉपर्टी टैक्स बकाया होना अयोग्यता नहीं है। यहां बता दें कि हरियाण में 8 नगर निगमों, 4 नगर परिषदों व 21 नगर पालिकाओं के आमचुनाव हो रहे हैं।
सोनीपत व अंबाला सिटी नगर निगम में मेयर के लिए उपचुनाव हो रहा है। आठ नगर निगमों में - फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, मानेसर, पानीपत, रोहतक और यमुनानगर शामिल हैं। इसी तरह अंबाला सदर, पटौदी-जाटौली मंडी, सिरसा और थानेसर नगर परिषद में चुनाव हो रहे हैं।
अंबाला व सोनीपत नगर निगम में मेयर के अलावा सोहना नगर परिषद, इस्माईलाबाद और असंध नगर पालिका में चेयरमैन/अध्यक्ष पद के लिए उपचुनाव होंगे। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट एडवोकेट और विधायी मामलों के जानकार हेमंत कुमार का कहना है कि नगर परिषद और नगर पालिका के चुनावों में किसी भी व्यक्ति को प्रॉपर्टी टैक्स या अन्य बकाया के मामले में चुनाव लड़ने से रोका नहीं जा सका। अगर ऐसा करना है तो इसके लिए सरकार को पहले कानून में संशोधन करना होगा।