Haryana Land Bank: हरियाणा में वन क्षेत्र के लिए 1000 एकड़ का लैंड बैंक बनाएगी सरकार
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 20 मार्च
Haryana Land Bank: हरियाणा में सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने में जमीन का अभाव आड़े आ रहा है। कई सड़कों के दोनों ओर वन विभाग की जमीन सरकार लेने की तैयारी में है। सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने के लिए पेड़ भी काटने होंगे। ऐसे में सरकार ने 1000 एकड़ का लैंड-बैंक बनाने का निर्णय लिया है। यह भूमि इसलिए इकट्ठी की जाएगी, ताकि सड़कों की चाैड़ाई के दौरान पेड़ों की कटाई की एवज में वन विभाग को पौधरोपण के लिए जमीन उपलब्ध करवाई जा सके।
बृहस्पतिवार को विधानसभा में कई सड़कों की चौड़ाई व नई सड़कों के निर्माण की मांग के जवाब में पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने यह खुलासा किया। पूर्व शिक्षा मंत्री व झज्जर विधायक गीता भुक्कल ने उनके हलके की कई सड़कों की जर्जर हालात का मुद्दा विधानसभा में उठाया। छुछकवास में बाईपास निर्माण की मुख्यमंत्री की घोषणा का मुद्दा जब उन्होंने उठाया तो उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि जब वे पीडब्ल्यूडी मंत्री थे तो उस समय भी यह मामला सामने आया था।
ई-भूमि पोर्टल पर जमीन की डिमांड की गई है लेकिन अभी तक भी जमीन नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि जमीन मिलते ही सरकार बाईपास का निर्माण शुरू कर देगी। वहीं लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार, अगले छह महीनों में प्रदेश की सभी टूटी सड़कों की मरम्मत करवाई जाएगी। गीता भुक्कल ने झज्जर से बहादुरगढ़ तक की जर्जर हालत का मुद्दा उठाया तो मंत्री ने कहा कि इस पर निर्माण शुरू हो चुका है।
सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री जब बहादुरगढ़ आए थे तो उनके सामने यह मांग रखी थी। मुख्यमंत्री ने इस पर तुरंत संज्ञान लिया और अब इस सड़क पर झज्जर की ओर से काम शुरू हो चुका है। वहीं होडल से भाजपा विधायक हरिंदर सिंह ने हसनपुर में यमुना नदी पर बनाए जाने वाले पुल और संपर्क सड़क का मुद्दा उठाया। कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने बताया कि यमुना नदी पर पुल बनाने का काम चल रहा है। वहीं पुल के एप्रोच व संपर्क सड़क के लिए जमीन नहीं मिल रही।
जमीनों में इसलिए आ रही रुकावट
दरअसल, सरकार नई सड़काें के निर्माण के लिए ई-भूमि पोर्टल के जरिये किसानों से जमीन मांगती है। यमुना नदी के पुल के साथ संपर्क सड़क के लिए 98 प्रतिशत से अधिक किसान जमीन देने को राजी हैं लेकिन वे मुआवजा कलेक्टर रेट से पांच गुणा मांग रहे हैं। दोबारा से ई-भूमि पोर्टल पर जमीन मांगी तो किसान तीन गुणा रेट पर देने को राजी हो गए।
कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने कहा कि सरकार कलेक्टर रेट से 10-15 प्रतिशत तक अतिरिक्त दे सकती है। यहां बता दें कि नारनाैंद बाईपास, छुछकवास बाईपास सहित कई शहरों में सड़क व बाईपास के प्रोजेक्ट इसीलिए सिरे नहीं चढ़ पा रहे हैं क्योंकि किसान मुआवजा अधिक मांग रहे हैं।