Haryana Congress: हरियाणा कांग्रेस में जिला अध्यक्षों के चयन पर मंथन, राहुल गांधी लेंगे अंतिम फैसला
Haryana Congress: हरियाणा में कांग्रेस के ‘संगठन सृजन’ कार्यक्रम के तहत पार्टी के केंद्रीय नेताओं द्वारा हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी की मुहिम को पूरा किया जा चुका है। पूर्व प्रदेश अध्यक्षों को बातचीत के लिए बुलाए जाने पर दो राय बनी हुई है। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल अब लिस्ट को अंतिम रूप देने की कोशिश में हैं। वहीं हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की भी राय जानने के पक्ष में हैं।
केसी वेणुगोपाल ने यह फैसला भी बीके हरिप्रसाद पर ही छोड़ दिया है कि वे पूर्व प्रधानों को बातचीत के लिए बुलाते हैं या नहीं। वहीं दूसरी ओर, दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के पास हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बातचीत की रिपोर्ट के साथ केंद्रीय पर्यवेक्षकों के फीडबैक को अब पहुंचाया जाएगा। अब राहुल गांधी की टीम अपने स्तर पर जिला अध्यक्ष के लिए बनाए गए पैनल में शामिल नामों की रिपोर्ट लेंगे। यह रिपोर्ट आते ही जिला अध्यक्षों की लिस्ट को भी अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
केंद्रीय नेतृत्व इसी माह के आखिर तक जिला अध्यक्षों की सूची जारी करने की कोशिश में है। राजस्व लिहाज से राज्य में 22 जिले हैं लेकिन संगठन की दृष्टि से ग्रामीण व शहरी मिलाकर कांग्रेस के 32 जिला अध्यक्ष बनने हैं। सबसे अधिक तीन जिला अध्यक्ष अंबाला जिला में बनेंगे। इनमें अंबाला ग्रामीण, अंबाला सिटी व अंबाला कैंट के जिला अध्यक्ष बनने हैं। फरीदाबाद में भी इस बार दो जिला अध्यक्ष – ग्रामीण व शहरी बनाए जाने की संभावना है। सभी जिलों के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक पैनल बना चुके हैं।
सोमवार को केसी वेणुगोपाल और बीके हरिप्रसाद ने प्रदेश कांग्रेस के पांच वरिष्ठ नेताओं के साथ वन-टू-वन मीटिंग कर पैनल में शामिल नामों पर उनकी राय जानी। सबसे पहले पार्टी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने दोनों नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी राय रखी। इसी कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा तथा राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पैनल को लेकर अपना फीडबैक दोनों नेताओं को दिया।
आखिर में रोहतक सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी दोनों नेताओं से मुलाकात करके जिला अध्यक्ष पद के लिए जातिगत समीकरणों के हिसाब से अपनी बात रखी। मंगलवार को केसी वेणुगोपाल के व्यस्त होने के चलते बीके हरिप्रसाद ने तीन नेताओं से मुलाकात की। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने जिला अध्यक्ष चयन को लेकर अपने सुझाव प्रभारी को दिए। इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व रेवाड़ी के पूर्व विधायक चिरंजीव राव भी मिले। हिसार सांसद बृजेंद्र सिंह ने भी हरिप्रसाद के सामने अपना पक्ष रखा।
नेताओं से मांगे नाम
सूत्रों का कहना है कि केसी वेणुगोपाल और बीके हरिप्रसाद ने मुलाकात करने वाले हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं को जिला अध्यक्ष पद के लिए मजबूत चेहरों के नाम भी देने को कहा है। हालांकि यह पूरी तरह से वैकल्पिक है। अगर नेता चाहेंगे तो नाम दे सकेंगे। बताते हैं कि इसी तरह का फार्मूला गुजरात में अपनाया गया था। लेकिन जब लिस्ट जारी की गई तो उन नेताओं के समर्थकों के नाम कट गए थे, जिन्होंने अपने समर्थकों के नामों की सिफारिश की थी।
जिलावाइज लिया फीडबैक
केसी वेणुगोपाल व बीके हरिप्रसाद ने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से बातचीत के दौरान उनसे जिलावाइज फीडबैक लिया। शहरों के नाम के साथ यह पूछा कि फलां शहर में कौन सबसे मजबूत जिला अध्यक्ष साबित हो सकता है। इस बातचीत में जातिगत समीकरणों पर सबसे अधिक जोर दिया गया। यानी किस जिले में जाट, पंजाबी, बनिया, ब्राह्मण चेहरे को मौका दिया जाना चाहिए। किस जिले में बीसी और एससी कार्ड खेलना चाहिए। इस बातचीत के आधार पर ही फाइनल रिपोर्ट बन रही है।
एससी-बीसी कोटे पर फोकस
दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी जिला अध्यक्ष चयन में जातिगत संतुलन बनाए जाने के पक्ष में हैं। केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ पहले चंडीगढ़ और फिर नई दिल्ली में बैठक के दौरान भी राहुल गांधी यह बात कह चुके हैं। प्रदेश में कुल 32 जिला अध्यक्ष बनने हैं। राहुल चाहते हैं कि जिला अध्यक्षों के आधे यानी 16 पदों पर अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के नेताओं का मौका दिया जाए। उनका यह फार्मूला अगर कामयाब होता है तो कई नेताओं के मंसूबों पर पानी फिरना तय है।