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Haryana Budget Session : बरसों के बाद सबसे लम्बा बजट सत्र... 13 बैठकों में 58 घंटे हुई चर्चा, 70% से अधिक सदस्यों ने नियमित लिया भाग

हरविन्द्र की नई शुरूआत, प्रदेश ‘कल्याण’ की बात, पहली बार तय किए गए विधायी कार्यों के मुकाबले 114 प्रतिशत हुआ काम
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दिनेश भारद्वाज/चंडीगढ़, 29 मार्च (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)

Haryana Budget Session : घरौंडा हलके से लगातार तीसरी बार के विधायक व विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण अपने पहले ही सत्र में सत्ताक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भी सराहना लेने में कामयाब रहे। बेशक, इससे पहले नायब सरकार के दिसंबर के विशेष सत्र को उन्होंने चलाया था लेकिन नायब सरकार और हरविन्द्र कल्याण का यह पहला सबसे बड़ा बजट सत्र था। बरसों के बाद 13 सिटिंग वाला बजट सत्र 7 मार्च से शुरू होकर 28 मार्च तक चला।

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बजट सत्र के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष में कई मुद्दों पर कहासुनी और तीखी बहस भी हुई। कुछ मौकों पर विपक्ष ने सदन में नारेबाजी भी की लेकिन एक बार भी ऐसा माहौल नहीं बना कि सदन की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा होगा। लम्बे वक्त के बाद ऐसा भी पहली बार हुआ तक किसी को नेम करके सदन से बाहर करने की नौबत नहीं आई। 13 बैठकों में लगभग 58 घंटे विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। अहम बात यह रही कि प्रदेश व जनहित से जुड़े मुद्दों पर हरविन्द्र कल्याण ने खुलेमन से सदन में चर्चा करवाई।

पर्यावरण प्रदूषण, युवा व सिंथेटिक नशे, प्राकृतिक खेती, स्कूली इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य सेवाओं सहित कई मुद्दों पर खुद स्पीकर भी काफी गंभीर नज़र आए। पर्यावरण के अलावा युवा कल्याण के मामले पर उन्होंने विधानसभा की विशेष कमेटियों के गठन के प्रस्ताव भी सदन में पास करवाए। इसी तरह से प्राकृतिक खेती में विधायकों को जोड़ने के लिए भी विशेष सम्मेलन करवाने ही सहमति वे सदन में बनवाने में कामयाब रहे। यह भी पहला मौका है जब मुख्यमंत्री ने बोलने के पिछले कई रिकार्ड तोड़े।

7 मार्च को राज्यपाल अभिभाषण से बजट सत्र की शुरूआत हुई। इसके बाद अभिभाषण पर कुल 46 विधायकों ने 11 घंटे 33 मिनट तक चर्चा की। कांग्रेस के 20 विधायकों ने 4 घंटे 9 मिनट और भाजपा के 23 विधायकों ने 3 घंटे 58 मिनट तक अभिभाषण पर चर्चा की। इनेलो के दोनों विधायकों – आदित्य देवीलाल व अर्जुन चौटाला ने 22 मिनट में अपनी बात रखी। राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने धन्यवादी भाषण को 2 घंटे 567 मिनट में पूरा किया।

बजट पर 8 घंटे 57 मिनट चर्चा

17 मार्च को वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भाजपा का 11वां और खुद का पहला वार्षिक बजट पेश किया। बजट पर 8 घंटे 57 मिनट तक सदन में चर्चा हुई। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कांग्रेस के 21 विधायकों ने बजट पर 2 घंटे 57 मिनट तक अपनी बात रखी। वहीं भाजपा के 21 विधायकों ने 2 घंटे 15 मिनट तक चर्चा की। इनेलो के दो विधायकों ने 19 मिनट और दो निर्दलीय विधायकों ने 15 मिनट तक चर्चा की। वहीं सीएम नायब सिंह सैनी ने बजट चर्चा के बाद 3 घंटे 31 मिनट तक रिप्लाई दिया। उन्होंने अधिकांश विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों व सवालाें पर अपना पक्ष रखा।

कमेटियों ने किया बजट पर मंथन

बजट पेश होने और इस पर चर्चा के बाद स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने पार्लियामेंट की तर्ज पर विधानसभा की कमेटियों का गठन किया। इन कमेटियों ने सत्र के पांच दिन (21 से 25 मार्च) के ब्रेक के दौरान बजट का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट भी सदन में पेश किया। विधायकों की ओर से बजट को लेकर कुछ सुझाव भी दिए गए। यहां बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री होते हुए बजट पर चर्चा की शुरूआत की थी। नायब सरकार ने भी इसे जारी रखा है।

स्टेट सांग सहित 12 बिल पास

विधानसभा के इस बजट सत्र में हरियाणा को करीब 59 वर्षों के बाद अपना ‘राज्य गीत’ भी मिल गया। स्टेट सांग को सर्वसम्मति से विधानसभा में पास किया गया। सत्र के दौरान सरकार की ओर से पेश किए गए कुल 12 विधेयक भी पास किए गए। इनमें कबूतरबाजी, शव का सम्मानजनक निपटारा, धीरेंद्र ब्रह्मचारी की गुरुग्राम की जमीन का टेकओवर, मैच फिक्सिंग व सट्टेबाजों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तथा विधायकों की लोन लिमिट बढ़ाने और पेंशनर के लिए भी मेडिकल सुविधा लागू करने जैसे अहम विधेयक शामिल हैं।

200 में से 174 सवालों पर चर्चा

विधानसभा में यह भी पहला मौका रहा जब कई बार प्रश्नकाल में आए सभी 20 सवालों पर चर्चा हुई। 13 बैठकों में से 10 बैठकों में कुल 200 सवाल प्रश्नकाल के दौरान आए। 87 प्रतिशत यानी 174 सवालों पर सदन में चर्चा हुई। सवालों का चयन भी ड्रा के जरिये किया गया। स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि विधायक हर माह विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों को लेकर 3 सवाल पूछे सकेंगे। विधानसभा की ओर से सरकार से इनका जवाब लेकर विधायकों को दिया जाएगा। वहीं 187 अतारांकित सवालों में से 144 एडमिट किए गए।

जनहित के मुद्दों पर दिखी गंभीरता

बज सत्र के दौरान कुल 54 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव स्पीकर के पास पहुंचे। इनमें से 19 प्रस्तावों को एडमिट करके उन पर चर्चा करवाई गई। स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि ट्रैफिक मैनेजमेंट पर आए गैर-सरकारी प्रस्ताव पर भी सदन में सार्थक चर्चा हुई। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जनहित से जुड़े मुद्दों पर खुलकर चर्चा करवाई गई। पर्यावरण प्रदूषण, स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र, प्राकृतिक खेती, दूषित जलापूर्ति, सिंचाई पानी, अमृत सरोवर योजना, कबूतरबाजी, बढ़ते नशे सहित कई ऐसे मुद्दे थे, जिन पर सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच सकारात्मक चर्चा हुई।

रिसर्च विंग भी बनेगी

शनिवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से रूबरू हुए स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने बताया कि विधानसभा की रिसर्च विंग बनेगी। लोकसभा व हरियाणा सरकार का इसमें सहयोग रहेगा। इसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बेस्ड रिकार्ड डिजिटाइजेशन पर काम होगा। विधानसभा के लाइव प्रसारण से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि लोकसभा द्वारा इस पर काम किया जा रहा है। पटना मंे हुई स्पीकर्स कांफ्रेंस में भी इस पर चर्चा हुई थी।

अहम बिंदू

-बजट सत्र के दौरान शून्यकाल की कुल अवधि छह घंटे रही

-विधायकों को 3 की बजाय 5 मिनट बोलने का मौका मिला

-शून्यकाल में विधायकों ने अपने हलकों की समस्याएं उठाई

-अभिभाषण व बजट पर चर्चा में प्रदेश स्तर के मुद्दे पर हुई बात

-13 बैठकों के दौरान 2212 लोगों ने सदन में बैठकर देखी कार्रवाई

-सत्र के दौरान रोटेशन आधार पर अधिकारियों की मौजूदगी अनिवार्य

-अधिकारियों के खिलाफ आने वाले शिकायतों पर भी होगा एक्शन

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