अहमदाबाद, 18 मई (एजेंसी)
पाटीदार आरक्षण आंदोलन से उभरे नेता हार्दिक पटेल ने बुधवार को कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पटेल 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे।
पार्टी छोड़ने से पहले कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में उन्होंने दावा किया कि पार्टी ने देश में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर केवल ‘एक अवरोधक की भूमिका निभाई ‘ है और उसने ‘हर चीज का महज विरोध ही किया है।’ उन्होंने जब भी गुजरात के लोगों के हितों से जुड़े मुद्दे उठाये, तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फोन पर अपने संदेश देखने में मसरूफ होते।
पटेल ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।’ पत्र में पटेल ने दावा किया कि कांग्रेस को सही दिशा में ले जाने के कई प्रयासों के बावजूद पार्टी लगातार ‘मेरे देश और समाज के हितों के खिलाफ काम कर रही है।’ उन्होंने पत्र में कहा, ‘…पिछले तीन साल में, मैंने पाया है कि केन्द्र और राज्य स्तर पर कांग्रेस नेतृत्व सिर्फ हर चीज़ का विरोध कर रहा है।…चाहे, अयोध्या में राम मंदिर हो, जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाना, जीएसटी लागू करना, भारत लंबे समय से इन मुद्दों का समाधान चाहता था और कांग्रेस ने केवल एक अवरोधक की भूमिका निभाई है।’ राहुल गांधी की विदेश यात्राओं पर तंज कसते हुए पटेल ने कहा, ‘जब भी हमारा देश परेशानियों का सामना कर रहा होता है और कांग्रेस को नेतृत्व की जरूरत होती है, तो पार्टी के नेता विदेश में मजे कर रहे होते हैं।’ उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुजरात से नफरत करते हैं। पटेल ने कहा, ‘‘ वरिष्ठ नेता ऐसे बर्ताव करते हैं, जैसे वे गुजरात और गुजरातियों से नफरत करते हों। कांग्रेस कैसे गुजरात के लोगों से अपेक्षा करती है कि वे उन्हें हमारे राज्य का नेतृत्व करने के एक विकल्प के रूप में देखें?’