नयी दिल्ली, 1 जुलाई (एजेंसी)
कांग्रेस ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किये जाने के 5 वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को आरोप लगाया कि जीएसटी कानून और इसके क्रियान्वयन के तरीके ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है।
मुख्य विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह आग्रह भी किया कि जीएसटी कानून पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और संसद में भी इस पर चर्चा कराई जाए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस इस जीएसटी को खारिज करती है और वह मौजूदा जीएसटी की जगह ‘जीएसटी 2.0’ को प्रतिस्थापित करने की दिशा में काम करेगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘आज जीएसटी अपना 5वां जन्मदिन मना रहा है। वास्तव में इसमें जश्न मनाने जैसा कुछ भी नहीं है।
जीएसटी में कुछ जन्मजात त्रुटियां थी और पिछले पांच वर्षों में ये त्रुटियां बदतर हो गई हैं तथा इसके कारण इसने अपने संपर्क क्षेत्र में आने वाले सभी लोगों को गंभीर आघात पहुंचाया है।’ चिदंबरम ने दावा किया, ‘इसने वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग करने वाले आम लोगों, जो ज़्यादा टैक्स की मार झेल रहे हैं, उन्हें अपने बोझ तले दबा दिया।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह कानून इतना दोषपूर्ण है कि सरकार को सैकड़ों कार्यकारी दिशानिर्देश जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पिछले पांच साल में सरकार ने 869 अधिसूचनाएं, 143 परिपत्र और 38 आदेश जारी किए हैं।
यह एक ऐसी जीएसटी है, जो त्रुटिपूर्ण और पूर्णतया अस्थाई है।’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस पर (जीएसटी कानून पर) संसद में चर्चा कराई जाए और सर्वदलीय बैठक बुलाकर भी चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि इस जीएसटी पर पुनर्विचार हो ताकि देश को एक सही जीएसटी मिल सके।
जीएसटी संग्रह जून में 56 प्रतिशत बढ़ा
नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि आर्थिक पुनरुद्धार जारी रहने और कर चोरी रोकने के प्रभावी कदमों के बूते जून के महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह सालाना आधार पर 56 प्रतिशत बढ़कर 1.44 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में जून के लिए जीएसटी आंकड़े देते हुए कहा कि एक साल पहले जून, 2021 में जीएसटी संग्रह 92,800 करोड़ रुपये रहा था। जून 2021 की तुलना में जून 2022 में वस्तुओं के आयात से प्राप्त राजस्व 55 फीसदी अधिक और घरेलू लेनदेन से राजस्व 56 फीसदी अधिक रहा। जीएसटी दिवस पर आयोजित समारोह में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी संग्रह के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये की एक निचली सीमा बन चुकी है। जीएसटी व्यवस्था शुरू होने के बाद से यह पांचवी बार है जब मासिक जीएसटी संग्रह 1.40 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।