यूएसएड से धन प्राप्त करने वाली संस्थाओं की जांच कर सकती है सरकार
नयी दिल्ली, 20 फरवरी (ट्रिन्यू)
केंद्र सरकार भारत में उन समूहों की जांच कर सकती है, जिन्होंने यूएसएड और अन्य विदेशी संस्थाओं से धन प्राप्त किया है। इसमें सरकार का फोकस भारतीय चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के पहलू पर भी होगा।
सूत्रों के अनुसार, जांच में ऐसी संस्थाओं के विदेशी फंडिंग द्वारा विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन की संभावनाओं पर भी गौर किया जा सकता है।यह घटनाक्रम अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के नेतृत्व वाले डीओजीई (सरकारी दक्षता विभाग) के इस खुलासे के बाद सामने आया है कि यूएसएड ने कथित तौर पर मतदान बढ़ाने के लिए भारत के चुनाव आयोग को 21 मिलियन डॉलर का योगदान दिया था। भाजपा ने इस सप्ताह की शुरुआत में पूरे मामले की जांच की मांग की थी।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य महेश जेठमलानी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था’, ‘तो डीओजीई ने पाया है कि यूएसएड ने भारत में ‘मतदाता मतदान’ के लिए 21 मिलियन डॉलर आवंटित किए हैं, जो मतदाताओं को शासन परिवर्तन के लिए वोट देने के लिए भुगतान करने का एक तरीका है।
‘श्वेत पत्र’ जारी करे सरकार : कांग्रेस
कांग्रेस ने अमेरिकी संस्था ‘यूएसएड’ से जुड़े हालिया विवाद तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस संस्था द्वारा भारत के सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थानों को दिए गए सहयोग का विस्तृत विवरण देते हुए ‘श्वेत पत्र’ जारी किया जाना चाहिए।