नयी दिल्ली, 30 जनवरी (एजेंसी)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रविवार को कहा कि गोवा विधानसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी और राकांपा-शिवसेना के बीच गठबंधन नहीं हो सका, लेकिन उन्होंने कहा कि वे ‘दोस्त बने रहेंगे’ और चुनाव के बाद भी कांग्रेस उनके साथ ‘एक साथ काम करने’ के अवसरों को तलाशना जारी रखेगी। गोवा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रभारी चिदंबरम ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमससी) पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने गठजोड़ के प्रस्ताव के बावजूद कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में करने का प्रयास जारी रखा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस के साथ बातचीत करने के लिए पार्टी नेतृत्व से कोई निर्देश नहीं मिला और कहा कि, ‘मुझे यकीन है कि हमारे नेतृत्व ने सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखा था।’
चिदंबरम ने एक साक्षात्कार में कहा कि पार्टी चुनाव से पहले या बाद में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करेगी या नहीं यह सभी उम्मीदवारों से परामर्श करने के बाद तय किया जाएगा और पार्टी उनके बीच आम सहमति से चलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि गोवा चुनाव में मुकाबला ‘‘कांग्रेस (साथ में गोवा फॉरवर्ड पार्टी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है और हम बहुमत हासिल करने में सक्षम होंगे।’ यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों विशेषकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना के साथ गठजोड़ क्यों नहीं कर पाई, चिदंबरम ने कहा कि राकांपा और शिवसेना महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी हैं और वह उन्हें गोवा में भी सहयोगी बनाना पसंद करती। चिदंबरम ने कहा, ‘‘हमने कोशिश की। उन्होंने कुछ प्रस्ताव दिए। हमने कुछ प्रस्ताव दिए। दुर्भाग्य से इस बारे में कोई बैठक नहीं हो पाई। मैं स्वीकार करता हूं कि दोनों पक्षों की मजबूरियां थीं और हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद हम बैठक के बिंदु पर नहीं पहुंच पाए।” उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी, हम दोस्त हैं और दोस्त रहेंगे। चुनाव के बाद हम राकांपा और शिवसेना के साथ मिलकर काम करने के अवसर तलाशते रहेंगे।’ गोवा की सभी 40 विधानसभा सीट के लिए 14 फरवरी को चुनाव होगा।