सुरेश एस डुग्गर/हप्र
जम्मू, 30 जुलाई
अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के सारे अनुमान धरे रह गए हैं। लोहे की ग्रिल भी काम न आई और इस बार 18 फुट का हिमलिंग पिघल कर अब 2 फुट का रह गया है। यह सब भक्तों की मौजूदगी के कारण नहीं बल्कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण हुआ है। अब इससे निपटने का तरीका अत्याधुनिक तकनीक ही है। श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, अमरनाथ की गुफा को तकनीक के सहारे ठंडा और वातानुकूलित बनाने की योजना श्राइन बोर्ड ने उसी समय तैयार की थी, जब वह अस्तित्व में आया था। लेकिन मामला कई साल तक कोर्ट में रहा जिस कारण श्राइन बोर्ड कोई कदम उठाने से परहेज करता रहा है।
उनके अनुसार गुफा को पूरी तरह से वातानुकूलित करने, आइस स्केटिंग रिंक तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना है। कई अन्य प्रस्तावों पर भी विचार किया गया था जिनमें एयर कर्टन, रेडियंटस कूलिंग पैनलस इत्यादि भी थे। कई तकनीकों का सफल प्रयोग मुंबई, श्रीनगर तथा गुलमर्ग में किया भी गया था लेकिन अमरनाथ गुफा में इनके प्रयोग से पूर्व ही कोर्ट ने उस समय रोक लगा दी थी जब गुफा में कथित तौर पर कृत्रिम हिमलिंग बनाने का मामला उठा था।