नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (एजेंसी)
दिल्ली में कोविड-19 की संक्रमण दर 5 प्रतिशत से ज्यादा होने के बीच डॉक्टरों ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर लोगों को जांच करानी चाहिए और संक्रमण रोकने के लिए मास्क पहनना अनिवार्य करने की जरूरत है। राष्ट्रीय राजधानी में दो सप्ताह में संक्रमण दर 0.5 प्रतिशत से 5.33 प्रतिशत पर पहुंच गई है। स्थिति को लेकर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक 20 अप्रैल को होने वाली है। इस बीच, डॉक्टरों ने कहा कि मामलों और संक्रमण दर में वृद्धि के मद्देनजर बैठक पहले होनी चाहिए थी।
दिल्ली में शनिवार को कोविड-19 के 461 मामने आए और संक्रमण दर 5.33 प्रतिशत दर्ज की गई। शुक्रवार को संक्रमण के 366 मामले आए थे। इससे पहले दिल्ली में एक फरवरी को संक्रमण दर 5.09 प्रतिशत थी, जबकि 31 जनवरी को यह दर 6.2 प्रतिशत थी। प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने इस बात पर जोर दिया कि मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर जांच बढ़ाने की आवश्यकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी ‘किसी भी कठोर प्रतिबंध’ की आवश्यकता नहीं है। लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा, ‘लक्षण दिखने पर भी कई लोग जांच नहीं करवा रहे हैं। अब फिर से मामले बढ़ रहे हैं। मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि लक्षण दिखने पर जांच करा लेनी चाहिए। पृथक-वास में रहने वालों को भी जांच करानी चाहिए।’ दिल्ली सरकार के एक प्रमुख कोविड-19 अस्पताल में आपातकालीन विभाग की प्रमुख डा. रितु सक्सेना ने कहा कि अब बड़े जमावड़े से बचना चाहिए और लोगों को मास्क पहनना चाहिए। डा. सक्सेना ने कहा कि डीडीएमए की 20 अप्रैल को होने वाली बैठक के मद्देनजर ‘‘हमें कुछ पाबंदियों के फिर से लागू होने की उम्मीद है।’ अपोलो अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट (इंटरनल मेडिसिन) डा. सुरनजीत चटर्जी ने कहा कि अस्पताल में अभी कम मरीज भर्ती हैं लेकिन उन्होंने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए ‘तार्किक’ और ‘कड़े’ उपायों की पैरवी की। संक्रमण दर में लगातार वृद्धि ने दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी की संभावित नयी लहर के बारे में चिंताएं पैदा कर दी हैं।
सरकार की लापरवाही से 40 लाख मरे : राहुल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने रविवार को दावा किया कि सरकार की ‘लापरवाही’ के चलते कोरोना वायरस महामारी के दौरान 40 लाख भारतीयों की मौत हुई। साथ ही, उन्होंने सभी मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की एक बार फिर से मांग की। राहुल ने ट्विटर पर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट का ‘स्क्रीनशॉट’ साझा किया, जिसमें दावा किया गया है कि भारत दुनियाभर में कोविड से हुई मौत के आंकड़े सार्वजनिक करने के डब्ल्यूएचओ के प्रयासों में बाधा डाल रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ट्वीट में कहा, ‘मोदी जी न सच बोलते हैं, न बोलने देते हैं। वो तो अब भी झूठ बोलते हैं कि ऑक्सीजन की कमी से कोई नहीं मरा!’ उन्होंने कहा, ‘फ़र्ज़ निभाईये, मोदी जी-हर पीड़ित परिवार को 4 लाख का मुआवज़ा दीजिए।’