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तकनीक-संचालित होंगे भविष्य के युद्ध : सीडीएस

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस नयी दिल्ली, 1 जून चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर में भारत के अनुभव का जिक्र करते हुए इसे ‘संपर्क रहित’ संघर्ष बताया, जो युद्ध के भविष्य का उदाहरण है। सीडीएस शनिवार...
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सीडीएस जनरल अनिल चौहान फाइल फोटो : रॉयटर्स
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

नयी दिल्ली, 1 जून

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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर में भारत के अनुभव का जिक्र करते हुए इसे ‘संपर्क रहित’ संघर्ष बताया, जो युद्ध के भविष्य का उदाहरण है।

सीडीएस शनिवार को ‘शांगरी-ला डायलॉग’ में बोल रहे थे, जहां उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत ने आकाश जैसी स्वदेशी प्रणालियों पर भरोसा किया और घरेलू एवं विदेशी राडारों को एक रक्षा संरचना में एकीकृत करके प्रभावी सिस्टम नेटवर्किंग के माध्यम से सफलता प्राप्त की।

उन्होंने कहा, ‘आधुनिक युद्ध रणनीतियों, डोमेन (भूमि, वायु, समुद्र, साइबर, अंतरिक्ष) और समय-सीमा के एक जटिल चरण से गुजर रहा है। यह विकास बड़े स्थिर प्लेटफार्मों से लचीली रणनीतियों की ओर बदलाव की मांग करता है। नेटवर्क-केंद्रित युद्ध नया मानदंड बन रहा है, जिसमें सभी डोमेन का एकीकरण और स्वचालन महत्वपूर्ण है।’

साइबर ऑपरेशन के बारे में सीडीएस ने बताया कि इसकी भूमिका सीमित रही। हालांकि, कुछ हमले हुए, लेकिन भारत की एयर-गैप्ड सैन्य प्रणालियां सुरक्षित रहीं। उन्होंने थिंक-टैंक को बताया कि सार्वजनिक प्लेटफॉर्म्स पर मामूली व्यवधान आए, लेकिन परिचालन प्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ा।

जनरल चौहान ने कहा कि आधुनिक युद्ध की कुंजी नेटवर्किंग में है। हवा, जमीन, समुद्र और साइबर डोमेन में वास्तविक समय में एकीकरण जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्नत तकनीकें उतनी ही प्रभावी हैं, जितने वह नेटवर्क, जिनसे वह जुड़ी हैं।

युद्ध के दौरान गलत सूचनाओं की चुनौती पर सीडीएस ने कहा कि ऑपरेशनल समय का 15 प्रतिशत हिस्सा फर्जी बयानों का मुकाबला करने में खर्च करना पड़ा। भारत की रणनीति ने तथ्य-आधारित संचार को प्राथमिकता दी।

‘हम खत्म करना चाहते हैं छद्म युद्ध’

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने राजनीतिक रूप से जो किया है, उसने आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करने को लेकर एक नयी लक्ष्मण रेखा खींच दी है। उन्होंने कहा, ‘हम लगभग दो दशकों से इस छद्म युद्ध का सामना कर रहे हैं और हमने बहुत से लोगों को खो दिया है... हम इसे समाप्त करना चाहते हैं।’

थिंक टैंक ने नये उपग्रहों, एआई पर दिया जाेर

‘सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज’ ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक आकलन में सुझाव दिया है कि भारत को अपने अंतरिक्ष आधारित निगरानी नेटवर्क का तेजी से विस्तार करने की जरूरत है, क्याेंकि चीनी निगरानी उपग्रह नेटवर्क की पहुंच अधिक है। थिंक टैंक के अतिरिक्त महानिदेशक एयर वाइस मार्शल आशीष वोहरा (सेवानिवृत्त) द्वारा तैयार किए गये आकलन में कहा गया है कि पाकिस्तान पर भारत की सैन्य-तकनीकी बढ़त ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्पष्ट रूप से दिखाई दी। इसे और बढ़ाने की जरूरत है। चीन को वर्तमान में जो ‘सैन्य-तकनीकी’ बढ़त हासिल है, उसे कम करने के लिए प्रयास करने होंगे। इसे उच्च शक्ति वाले जेट इंजन, हाइपरसोनिक, लंबी दूरी के सटीक हथियार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के विकास पर ध्यान केंद्रित करके तथा सेवाओं में इन्हें तेजी से शामिल करके हासिल किया जाना चाहिए।

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