द ट्रिब्यून समूह के पूर्व प्रधान संपादक हरि जयसिंह नहीं रहे
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
नयी दिल्ली, 23 अप्रैल
क्षेत्र में असुरक्षा और अस्थिरता के दौर में नौ साल (1994-2003) तक ट्रिब्यून समाचार पत्र समूह के प्रधान संपादक रहे हरि जयसिंह का बुधवार को निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। द ट्रिब्यून ट्रस्ट के अध्यक्ष एनएन वोहरा ने हरि जयसिंह के निधन पर दुख जताया है और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।
हरि जयसिंह निडर और सत्ता के सामने सच बोलने से नहीं डरते थे। प्रधान संपादक के तौर पर उन्होंने विभिन्न मोर्चों पर बार-बार आने वाली चुनौतियों का सामना करते हुए अखबार को स्थिर रखा। महान दूरदर्शी सरदार दयाल सिंह मजीठिया द्वारा स्थापित संस्थान के अनुकरणीय पत्रकारिता मूल्यों पर खरा उतरना उनका अडिग
धर्म था।
यहां उल्लेखनीय है कि द ट्रिब्यून में अपने अंतिम संपादकीय में उन्होंने लिखा था, ‘...प्रेस की स्वतंत्रता को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता, न ही यह अपने आप में एक लक्ष्य हो सकती है। प्रेस की स्वतंत्रता का गहरा सामाजिक महत्व है... स्वतंत्रता को न्यायोचित उद्देश्यों को बढ़ावा देने और एक उदार और समतावादी राजनीति के निर्माण तथा सत्ता में बैठे लोगों की जवाबदेही से जोड़ा जाना चाहिए।’ वर्ष 1941 में कराची में जन्मे हरि जयसिंह का परिवार विभाजन के बाद कोलकाता आ गया था। जादवपुर विश्वविद्यालय से पढ़ाई और आनंद बाज़ार पत्रिका से शुरुआत करने के बाद उन्हें पत्रकारिता में अपना लक्ष्य मिला।
हरि जयसिंह आम आदमी के अधिकारों के हिमायती के रूप में जाने जाते थे। उनके साहसिक लेखन ने पाठकों के दिलों को छू लिया और सत्ता के गलियारों में उनके लेखों की गूंज रही। हरि जयसिंह ने हमेशा अपने विचार बेबाकी से व्यक्त किए। उनके गतिशील नेतृत्व में अखबार ने नयी ऊंचाइयों को छुआ और ‘लोगों की आवाज’ के रूप में अपनी प्रमुख स्थिति को मजबूत किया। उनके दूरदर्शी मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के कारण ही द ट्रिब्यून ने एक बड़ी छलांग लगाई और 1998 में अपना ऑनलाइन संस्करण लॉन्च किया, जब केवल कुछ अन्य मीडिया घरानों ने इस पर विचार किया था। अपने पूर्व प्रधान संपादक को विदाई देते हुए, हम हमेशा उनकी कलम की शक्ति से प्रेरणा लेने और इस उल्लेखनीय संस्था को मजबूत करने के अपने प्रयासों को जारी रखने की शपथ लेते हैं, जो पिछले लगभग एक सौ पचास वर्षों से सत्य, न्याय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खड़ी है।