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विदेश मंत्री जयशंकर ने की परिजनों से मुलाकात

कतर में 8 भारतीयों को मृत्युदंड
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नयी दिल्ली, 30 अक्तूबर (एजेंसी)

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को उन आठ भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्हें कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। जयशंकर ने इन लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार इस मामले को ‘सर्वोच्च महत्व’ देती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कतर में मौत की सजा पाने वाले भारतीयों की रिहाई के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

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भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को कतर के ‘कोर्ट ऑफ फर्स्ट इन्स्टेन्स’ ने 26 अक्तूबर, बृहस्पतिवार को मौत की सजा सुनाई थी। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘आज सुबह, कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों के परिजनों से मुलाकात की। इस बात पर जोर दिया कि सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व देती है। हम परिजनों की चिंताओं और दर्द को पूरी तरह से साझा करते हैं। सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास जारी रखेगी। इस संबंध में परिजनों के साथ निकटता से समन्वय किया जाएगा।’ निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले इन भारतीय नागरिकों को कथित तौर पर जासूसी के एक मामले में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। न तो कतर के अधिकारियों ने और न ही नयी दिल्ली ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया है।

भारतीय नौसेना के आठों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ इस साल 25 मार्च को आरोप पत्र दायर किए जाने के बाद उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था। अधिकारियों के अनुसार सभी पूर्व नौसेना अधिकारियों का भारतीय नौसेना में 20 साल तक का ‘बेदाग कार्यकाल’ था और उन्होंने सैन्य बल में प्रशिक्षकों सहित महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था।

‘रिहाई के हर संभव प्रयास कर रही सरकार’

नौसेना के पूर्व कर्मियों को कतर की अदालत द्वारा मौत की सजा दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने पणजी में कहा कि केंद्र सरकार उनकी रिहाई के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। एक कार्यक्रम से इतर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘(केंद्र) सरकार हमारे अधिकारियों को राहत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। हमने इस संबंध में एमईए (विदेश मंत्रालय) का बयान सुना है।’

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