नयी दिल्ली, 29 जून (स)
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में निर्णय लिया गया कि 5 जून को संपूर्ण क्रांति दिवस मनाया जाएगा। इसी दिन खेती कानूनों को अध्यादेश के रूप में घोषित हुए 1 साल हो रहा है, वहीं 5 जून 1974 को जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का नारा देते हुए देश में जन आंदोलन खड़ा किया था। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि देश के लोग इस दिन भाजपा के सांसदों, विधायकों और प्रतिनिधियों के कार्यालयों के बाहर केंद्र सरकार के कृषि कानूनों की कॉपी जलाएं।
किसान नेताओं ने सम्पूर्ण क्रांति दिवस पर लोगों का आग्रह किया कि केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ सम्पूर्ण क्रांति का सकंल्प ले और इसे जनांदोलन बनाते हुए सरकार को मजबूर करें कि वह कानून वापस रद्द करें। शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री किसान नेता चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर किसान मोर्चा के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। किसान नेताओं ने कहा कि चौधरी चरण सिंह असल मायने में देश को आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे, जिसमें किसान मजदूर व गांव के लोग खुशहाल रह सकें। किसानों का इस सरकार पर अविश्वास किसानों को चौधरी चरण सिंह की याद दिलाता है जो किसानों के हर दुख-दर्द को ईमानदारी से समाज व सरकार के सामने रखते थे व उसका समाधान निकालते थे। उन्होंने कहा कि आज केंद्र की मोदी सरकार कॉर्पोरेट्स पक्षीय सिद्ध हो रही है जहां वो किसानों मजदूरों की बात नहीं सुनती। आज किसान नेताओं ने दिल्ली में किसान घाट पहुंच चौधरी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस बीच पंजाब के दोआबा क्षेत्र से किसानों का एक बड़ा जत्था सिंघु बॉर्डर पहुंचा। दोआबा क्षेत्र के किसानों ने इस आंदोलन में अहम योगदान निभाया है। नए जत्थे में किसान सिंघू बॉर्डर पहुंचे और मोर्चा संभाला। इसी तरह अब रोजाना किसानों का आना जारी रहेगा और दिनोंदिन मोर्चा मजबूत होगा।
किसान सभा के नेतृत्व में किसान-मजदूरों का प्रदर्शन
यूनाइटेड किसान मोर्चा के आह्वान पर जम्हूरी किसान सभा पंजाब के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों का दल सिंघू बॉर्डर पर पहुंचा। जत्थे ने केएफसी भवन के पास मंच तक मार्च किया। प्रेस सचिव परगट सिंह जमाराय, कोषाध्यक्ष जसविंदर सिंह ढेसी, मोहन सिंह धमाना, ग्रामीण श्रम सभा के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन नाहर, परमजीत सिंह रंधावा, बलदेव सिंह नूरपुरी सहित अन्य नेता इस दौरान मौजूद रहे। संयुक्त मोर्चा के नेता ने कहा कि मजदूरों और किसानों के विभिन्न समूहों के आने से केंद्र सरकार के जिद्दी रवैये को बदलने में अहम भूमिका होगी। किसान नेता ने सरकार को जनविरोधी कानून बनाने की नीति को छोड़ने को कहा।