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ईवीएम सत्यापन : हरियाणा कांग्रेस के दो नेता पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

अदालत ने कहा- अप्रैल में फैसला देने वाली पीठ को भेजी जाये याचिका

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नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (एजेंसी)

EVM सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के सत्यापन के लिए नीति बनाने की मांग वाली याचिका उसी पीठ के पास भेजी जानी चाहिए, जिसने अप्रैल में मतपत्र की पुरानी पद्धति वापस लाने के अनुरोध संबंधी याचिका को खारिज करते हुए फैसला सुनाया था।

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EVM जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से मामले के कागजात चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा। यह याचिका हरियाणा के कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल और लखन कुमार सिंगला ने दायर की है। उन्होंने चुनाव आयोग को ईवीएम के चार घटकों- नियंत्रण इकाई, मतपत्र इकाई, वीवीपीएटी और प्रतीक लोडिंग इकाई- की मूल ‘बर्न मेमोरी’ या ‘माइक्रोकंट्रोलर’ की जांच के लिए एक प्रोटोकॉल लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनकी याचिका में चुनाव परिणामों को चुनौती नहीं दी गई, बल्कि ईवीएम सत्यापन के लिए मजबूत तंत्र का अनुरोध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल के अपने फैसले में ईवीएम में हेरफेर के संदेह को निराधार बताया था और कहा था कि मतदान उपकरण सुरक्षित है।

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EVM वीवीपैट पर्चियों के मिलान की इस साल आठ याचिकाएं

संसद में शुक्रवार को बताया गया कि ईवीएम के वोटों का वीवीपैट मशीन की पर्चियों से मिलान कराने की मांग वाली कुल आठ याचिकाएं दायर की गई हैं। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर पांच मतदान केंद्रों की वीवीपैट पर्चियों का अनिवार्य सत्यापन किया जाता है।

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