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नये उपराष्ट्रपति के लिए जल्द कराना होगा चुनाव

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद अब उनके उत्तराधिकारी के चुनाव की प्रक्रिया ‘शीघ्र’ पूरी करनी होगी। संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड दो में प्रावधान है कि उपराष्ट्रपति की मृत्यु, इस्तीफे या...
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद अब उनके उत्तराधिकारी के चुनाव की प्रक्रिया ‘शीघ्र’ पूरी करनी होगी। संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड दो में प्रावधान है कि उपराष्ट्रपति की मृत्यु, इस्तीफे या उन्हें पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव ‘यथाशीघ्र’ करवाया जाएगा। प्रावधान में आगे कहा गया है कि निर्वाचित व्यक्ति, अनुच्छेद 67 के प्रावधानों के अधीन, अपने पदभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष की पूर्ण अवधि तक पद धारण करने का हकदार होगा।

उपराष्ट्रपति दोहरी भूमिका में कार्य करते हैं। वह राज्यसभा की अध्यक्षता करते हैं और कुछ आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य करते हैं। उपराष्ट्रपति के त्यागपत्र देने पर राज्यसभा के उपसभापति से उच्च सदन के संबंध में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उपराष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन कौन करेगा।

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राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 की धारा 4(3) में प्रावधान है कि चुनाव की अधिसूचना निवर्तमान उपराष्ट्रपति के कार्यकाल की समाप्ति से साठवें दिन या उसके बाद जारी की जाएगी। हालांकि, धारा 4(4) में कहा गया है कि मृत्यु, त्यागपत्र या हटाए जाने के कारण होने वाली रिक्ति को भरने के लिए चुनाव के मामले में उप-धारा (1) के तहत अधिसूचना यथाशीघ्र जारी की जाएगी। ऐसे में अब चुनाव आयोग को नये उपराष्ट्रपति के चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करनी है।

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