सुरेश एस डुग्गर/हप्र
जम्मू, 2 जुलाई
जम्मू में 2 जगह फिर ड्रोन देखे गए। इंटरनेशनल बॉर्डर पर अरनिया सेक्टर में पाकिस्तानी ड्रोन की घुसपैठ को नाकाम किया गया, जबकि 6 दिन के बाद देर रात जम्मू के वायुसेना हवाई अड्डे पर फिर ड्रोन देखा गया। दोनों ही मामलों में सुरक्षाबलों ने कार्रवाई करते हुए उन पर गोलियां बरसाईं और उन्हें वापस जाने पर मजबूर कर दिया। जम्मू के सीमावर्ती अरनिया सेक्टर जबोवाल में पोस्ट के करीब शुक्रवार सुबह 5 बजे पाकिस्तानी ड्रोन देखा गया। सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों इस पर फायरिंग की दी। कुछ समय बाद यह पाकिस्तान ड्रोन लौट गया। बीएसएफ जवानों ने करीब 25 राउंड फायरिंग की। इसके बीएसएफ जवानों ने सीमा पर सघन तलाशी अभियान छेड़ दिया है। संभावना जताई जा रही है कि कहीं पाकिस्तान ने ड्रोन की मदद से सीमावर्ती क्षेत्र में नशीले पदार्थों की खेप या हथियार न भेजे हों। जबोवाल पोस्ट के आसपास रहने वाले लोगों से भी आवश्यक जानकारी जुटाई जा रही है। दूसरी ओर, वायुसेना स्टेशन पर बृहस्पतिवार देर रात 12.45 मिनट पर एयरबेस के ऊपर ड्रोन देखा गया। एनएसजी कमांडो ने कार्रवाई करने की कोशिश की, लेकिन ड्रोन गायब हो गया। एयरफोर्स प्रशासन की ओर से तत्काल पुलिस को जानकारी दी गई। प्रशासन को शक है कि कहीं आसपास से ही कोई इसे ऑपरेट कर रहा है। एसपी साउथ जम्मू दीपक ढींगरा ने कहा कि सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी, लेकिन कोई सुराग नहीं लग पाया। पुलिस के कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और सुबह 3 बजे तक आसपास के क्षेत्रों में तलाशी की गई।
ड्रोन हमले में पाक की भूमिका से इनकार नहीं : डीजीपी
जम्मू (एजेंसी) :जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यहां वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन से हुए हमले में पाकिस्तान की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि हमले में पाक स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने का संदेह है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है और महत्वपूर्ण लोगों एवं स्थानों की सुरक्षा की दोबारा समीक्षा करने की जरूरत है। उन्होंने कठुआ जिले में संवाददाताओं से कहा कि हमें इस मामले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने का गंभीर और गहरा शक है। चूंकि लश्कर का हाथ है और यह पाकिस्तान से संचालित होता है, इसलिए एक प्रकार से पाकिस्तान की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसियां किस हद तक शामिल हैं, इसका पता जांच के बाद ही चल पाएगा। जम्मू हवाई अड्डे स्थित वायु सेना स्टेशन पर 27 जून को हुए अपनी तरह के पहले ड्रोन हमले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अपने हाथों में ले ली है। इस घटना में ड्रोन से दो बम गिराए गए थे जिसमें वायु सेना के 2 कर्मी घायल हुए थे।