नयी दिल्ली, 1 अक्तूबर (एजेंसी)
पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के लिए देश को जिम्मेदार ठहराने की कोशिशों के लिए चीन को आड़े हाथ लेते हुए भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीनी सेना के ‘उकसावे वाले’ बर्ताव और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एएलसी) पर यथास्थिति को बदलने की ‘एकतरफा’ कोशिश ने शांति को गंभीर रूप से भंग कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चीन ने सीमावर्ती इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों की तैनाती की हुई है और चीन की कार्रवाई की प्रतिक्रिया में भारतीय सशस्त्र बलों को उचित जवाबी तैनाती करनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि चीन के आरोपों में ‘कोई आधार नहीं है’ और भारत उम्मीद करता कि चीनी पक्ष द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए शेष मुद्दों को जल्दी हल करने की दिशा में काम करेगा। चीन ने हाल में आरोप लगाया है कि दोनों देशों के बीच तनाव का ‘मूल कारण’ नयी दिल्ली द्वारा ‘आगे बढ़ने की नीति’ का अनुसरण करना और चीनी क्षेत्र पर ‘अवैध रूप से’ अतिक्रमण करना है। इसके जवाब में भारत की प्रतिक्रिया आई है।
सेना प्रमुख नरवणे ने की तैयारियों की समीक्षा : थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में कई अग्रिम इलाकों का दौरा किया और चीन के साथ लंबे समय से सैन्य गतिरोध की पृष्ठभूमि में भारत की अभियानगत तैयारियों की व्यापक समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि नरवणे को 14वीं कोर के मुख्यालय में क्षेत्र की समग्र स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, जिसे ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ के रूप में जाना जाता है।