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Delhi Pollution : पर्यावरण मंत्री का सुझाव.... सभी मिलकर बैठेंगे और प्रदूषण से निपटने के लिए बनाएंगे एक्शन प्लान

प्रदूषण पर पर्यावरण मंत्री दिखे गंभीर... एयर क्वालिटी मानिटरिंग के लिए बनेगा कमांड कंट्रोल सेंटर , तंबाकू पाउच और पालीथिन के प्रतिबंध पर माननीयों ने दिए सुझाव
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नई दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब रहने के कारण कर्तव्य पथ पर फेस मास्क पहने एक पैदल यात्री। पीटीआई फाइल फोटो
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चंडीगढ़, 28 मार्च

Delhi Pollution : राष्ट्रीय राजधानी से सटे शहरों में प्रदूषण की समस्या घातक साबित हो रही है। एनसीआर के क्षेत्र में वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में है। प्रदेश में बढ़ रहे प्रदूषण पर सदन में ‘माननीय’ गंभीर दिखाई दिए। राज्य सरकार ने एयर क्वालिटी मानिटरिंग को लेकर कमांड कंट्रोल सेंटर स्थापित करने का फैसला लिया है।

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वहीं, पर्यावरण मंत्री राव नरबीर ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के भीतर तथा उसके आसपास स्थित 24 शहरों में खतरनाक वायु प्रदूषण पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान जवाब दिया कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि सामाजिक मुद्दा है, इसकी समस्या के समाधान के लिए सभी को एकजुट होना होगा। यही नहीं, राव नरबीर ने पालीथिन के प्रयोग पर भी चिंता जताई। इसके साथ ही, विधायकों ने तंबाकू के पाउच और निर्माण कार्यों के लिए मापदंड बनाने का सुझाव दिया।

कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला, शीशपाल केहरवाला व कुलदीप वत्स की ओर से खराब वायु प्रदूषण सूचकांक पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब देते हुए पर्यावरण मंत्री राव नरबीर ने बताया कि सरकार वायु प्रदूषण को लेकर गंभीर है। सरकार की ओर से रोहतक के सिवाय और पंचकूला में 10 अधिसूचित पैरामीटर मैनुअल एमबीएंट एयर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशन स्थापित किए हैं। वायु प्रदूषण के लिए एचएसपीसीबी के अधिकारियों द्वारा निरीीक्षण किया जाता है। एचएसपीसीबी ने वर्ष 2023 तथा 2024 के दौरान वायु प्रदूषण करने वाले 480 उद्योगों को बंदद किया तथा 35 करोड़ रुपये का जुर्माना किया। एनसीआर में सीएक्यूएम द्वारा जारी ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान अवधि के दौरान 286 उद्योग वायु प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करते पाए गए।

पालीथिन गलाने में खप जाएंगी 16 पीढ़ियां

पर्यावरण मंत्री राव नरबीर ने पालीथिन के प्रयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि पालीथिन प्रयोग का सरकार की ओर से बैन किया गया है। इसके बावजूद भी हर जगह पालीथिन दिखाई देता है। पालीथिन पर्यावरण के लिए सबसे खतरनाक है। एक पालीथिन को गलने में 400 साल लगते हैं, जबकि 25 साल बाद पीढ़ी बदल जाती है। ऐसे में पालीथिन को गलाने में 16 पीढ़ियां खप जाएंगी। वहीं राव नरबीर ने विधायकों को भरोसा दिलाया कि सत्र समाप्त होने के बाद सभी एक दिन एकत्रित हों, इस दौरान अधिकारी भी मौजूद रहेंगे और प्रदूषण से निपटने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।

ई-बसों के संचालन को दिया जाएगा बढ़ावा

राव नरबीर ने बताया कि सरकार ने धूल उत्सर्जन को दबाने के लिए 122 एंटी स्माग गन, 255 वाटर स्प्रिंकलर तथा 62 यात्रिंक सड़क सफाई मशीनें लगाई गई हैं। सरकार ने हरियाणा क्लीन एयर प्रोजेक्ट फार सस्टेनेबल डिवेलपमेंट प्रस्तावित किया है, जिसे वर्ष 2030 तक विश्व बैंक द्वारा 3647 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। ई-बस तथा चार्जिंग स्टेशन के लिए 1127 करोड़, तीन पहिया इलेक्ट्रानिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए 145 करोड़, पाइप नैचुरल गैस द्वारा संचालित बायलर के लिए 580 करोड़ रुपये, औद्योगिक सामूहिक बायलरों के लिए 30 करोड़, कंस्ट्रक्शन एंड डिमाॅलिशन वेस्ट प्रबंधन तथा धूलमुक्त सड़कों के लिए 988 करोड़, फसली अवशेष प्रबंधन तथा स्वच्छ खाद प्रबंधन के लिए 279 करोड़ रुपये तथा रियल टाइम एयर क्वालिटी मानिटरिंग के लिए 230 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में स्टाफ की कमी, एयर क्वालिटी कंट्रोल मशीनें भी बंद

कैथल से कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने कहा प्रदूषण बोर्ड में स्टाफ की कमी है और एयर क्वालिटी कंट्रोल के लिए लगाई गई मशीनें भी बंद हैं। पिछले छदह महीने से बोर्ड में चेयरमैन का पद खाली पड़ा है और अधिकारी को अस्थाई तौर पर बोर्ड चेयरमैन का जिम्मा दिया गया है। 481 स्टाफ में से 303 पद खाली हैं। आदित्य ने कहा कि प्रदूषण बोर्ड की ओर से नीतियां जरूरी बनाई जा रही हैं, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते नीतियां कागजों में नहीं दम तोड़ रही हैं। डाटा क्वालिटी के लिए कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। सुरजेवाला ने किसानों को पराली जलाने के लिए कसूरवार ठहराने पर भी सरकार को घेरा। पीएमओ की ओर से रिपोर्ट दी गई कि पराली जलाने से एक प्रतिशत प्रदूषण ही बढ़ता है।

स्कूल-कालेजों में लगाए जाएं एयर प्यूरीफाइ सिस्टम

कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला ने प्रदेश में बढ़ रहे प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा कि एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब है। निर्माण कार्यों से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है। कवर करके निर्माण कार्य कराया जाए। इसके साथ ही उन्होंने चिंता जताई कि लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से बच्चों व बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। उद्योगों पर लगातार निगरानी होनी चाहिए। लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध होना चाहिए और स्कूल व कालेजों में एयर प्यूरीफाइ सिस्टम लगाए जाएं।

तंबाकू पाउच पर लगाना चाहिए बैन

कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स ने सुझाव दिया कि जिस तरह पालीथिन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, उसी तरह तंबाकू के पाउच भी हानिकारक हैं। सरकार को इन पर बैन लगाना चाहिए। अवैध तौर पर चल रही फैक्टरियों में जनरेटर पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए। इसके साथ ही मिट्‌टी ढोहने वाली गाड़ियां पूरी तरह कवर होनी चाहिए। किसान पराली न जलाएं, इसको लेकर सरकार को प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की जानी चाहिए।

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