Delhi Excise Policy Case: हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल व कविता से ED की याचिका पर मांगा जवाब
Delhi excise policy case: HC seeks response from Kejriwal, Kavita on ED plea
नयी दिल्ली, 4 दिसंबर (भाषा)
Delhi Excise Policy Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने आबकारी नीति से संबंधित कथित मनी लांड्रिंग में अधीनस्थ अदालत के एक आदेश को चुनौती देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर की गयी याचिका पर बुधवार को अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के कई नेताओं और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता से जवाब मांगा।
हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने ईडी की याचिका और मामले में स्थगन की उसकी अर्जी पर सभी 40 आरोपियों को नोटिस जारी किये। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 जनवरी की तारीख तय की।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल, आप नेताओं-- मनीष सिसोदिया एवं संजय सिंह तथा कई कारोबारी इस मामले में आरोपियों में शामिल हैं। नवंबर में अधीनस्थ अदालत ने ईडी को निर्देश दिया था कि वह मामले के आरोपियों को आरोपपत्र और शेष ‘अपुष्ट दस्तावेजों' (जिनका उपयोग अभियोजन पक्ष अपने मामले के समर्थन में नहीं कर रहा है) के डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध कराए।
ईडी के वकील ने (हाई कोर्ट में) कहा कि अधीनस्थ अदालत ने दस्तावेजों की जांच के चरण में ईडी को आरोपियों को अपुष्ट दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि लेकिन शीर्ष अदालत के निर्देश के मुताबिक इस चरण में अपुष्ट दस्तावेज नहीं बल्कि उनकी सूची उपलब्ध करायी जानी है।
हाई कोर्ट को सूचित किया गया कि अधीनस्थ अदालत में लंबित मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति में संशोधन करते समय कथित तौर पर अनियमितताएं की गईं और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को यह नीति लागू की थी तथा बाद में भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद सितंबर 2022 में इसे रद्द कर दिया। आबकारी नीति लागू करने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना की ओर से सिफारिश किए जाने के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। मनी लांड्रिंग का मामला इसी पर आधारित है।