नयी दिल्ली, 26 मार्च (एजेंसी) दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 75,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। सिसोदिया ने अपने बजट भाषण में कहा कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे कोविड-19 के प्रभाव से उबर रही है। 2022-23 के लिए बजट आवंटन 75,800 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट आवंटन 69,000 करोड़ रुपये था। 2022-23 के लिए बजट आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में 9.86 प्रतिशत अधिक है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार का यह लगातार आठवां बजट है। सिसोदिया ने कहा कि 2022-23 का बजट ‘रोजगार बजट’ है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 2.7 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में 20 लाख नई नौकरियां पैदा की जाएंगी। दिल्ली की अर्थव्यवस्था कोविड-19 के मार से धीरे-धीरे उबर रही है। सिसोदिया ने बजट भाषण में कहा कि दिल्ली में नया इलेक्ट्रॉनिक शहर स्थापित किया। डेढ़ लाख नौकरियां पैदा करने के लिए दिल्ली में पांच प्रसिद्ध बाजारों को विकसित किया जाएगा। इसके लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। नयी स्टार्ट अप नीति शुरू की जाएगी।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।