रक्षा विनिर्माण ‘जल्दी अमीर बनने का विकल्प’ नहीं : रक्षा सचिव
ट्रिन्यू/एजेंसियां
नयी दिल्ली, 29 मई
रक्षा सचिव आरके सिंह ने कहा कि अगर भारतीय उद्योग अनुसंधान और विकास में निवेश करते हैं तो उन्हें सैन्य उपकरण विनिर्माण में बेहतर संभावनाओं का आश्वासन मिल सकता है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में ‘जल्दी अमीर बनने का कोई विकल्प’ नहीं है। उधर, भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने तेजस के उत्पादन में देरी का जिक्र किये बिना अपनी बात कही। उन्होंने कहा, ‘मैं जिस एक भी परियोजना के बारे में सोच सकता हूं, वह समय पर पूरी नहीं हुई है। उन्होंने प्रमुख रक्षा खरीद परियोजनाओं में देरी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय भी वायुसेना को यकीन होता है कि यह परियोजना पूरी नहीं होने वाली है, लेकिन हम अनुबंध पर हस्ताक्षर कर देते हैं।’ दोनों यहां सीआईआई वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे। वहीं, रक्षा सचिव ने कहा, ‘हमें सभी बाधाओं को कम करने और रक्षा क्षेत्र में व्यापार को आसान करने की आवश्यकता है। खरीद प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना प्राथमिकता है। इसके बाद उन्होंने सलाह दी कि ‘हमें आपसे (उद्योग से) आर एंड डी पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। एयर चीफ मार्शल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि टाइमलाइन बड़ा मुद्दा है। एक भी प्रोजेक्ट कभी समय पर पूरा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि जब समय पर कोई भी प्रोजेक्ट पूरा ही नहीं होता तो हर बार वादा क्यों किया जाता है?
‘ऑर्डर किए 83 विमानों में से अब तक कोई नहीं मिला’
एयरफोर्स चीफ ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट कार्यक्रम का हवाला देते हुए कहा कि तेजस एमके-1ए फाइटर जेट की डिलीवरी रुकी हुई है, जो फरवरी 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ हस्ताक्षरित 48,000 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत है। उन्होंने बताया कि ऑर्डर किए 83 विमानों में से अब तक एक भी विमान नहीं दिया गया है, जबकि डिलीवरी मार्च 2024 में शुरू होने वाली थी। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि तेजस एमके2 का प्रोटोटाइप अभी तक रोल आउट नहीं हुआ है। स्टील्थ एएमसीए फाइटर का अभी तक कोई प्रोटोटाइप नहीं है। उन्होंने कहा हमें आज जो चाहिए, वह हमें आज चाहिए. हमें जल्दी से जल्दी अपने काम को एक साथ करने की जरूरत है।
पीओके के लोग खुद बनेंगे भारत का हिस्सा : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोग भारतीय परिवार का हिस्सा हैं और वह दिन दूर नहीं जब वे खुद भारत की मुख्यधारा में लौट आयेंगे। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ‘बिजनेस समिट’ में अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने पीओके के लोगों के लिये कहा कि भारत उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानता है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोग हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं।’ उन्होंने कहा, ‘वह दिन दूर नहीं जब हमारा अपना हिस्सा पीओके वापस लौटेगा और कहेगा, मैं भारत हूं, मैं वापस आ गया हूं।’