नयी दिल्ली (एजेंसी) : सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा में 1988 में एक व्यक्ति को प्रताड़ित करने के आरोपी 2 पुलिसकर्मियों पर नरमी से इनकार करते हुए कहा कि हिरासत में हिंसा के कारण किसी व्यक्ति की मौत की घटना ‘घृणित’ और सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है। पीठ ने कहा, ‘जब समाज के रक्षक, लोगों की रक्षा करने के बजाए बर्बरता और अमानवीय तरीका अपनाते हुए थाना आने वाले किसी व्यक्ति की पिटाई करते हैं तो यह लोगों के लिए चिंता की बात है।’ हाईकोर्ट से सजा प्राप्त ये पुलिस अधिकारी सुप्रीम कोर्ट गये थे। हालांकि, शीर्ष अदालत ने अब 75 साल के हो चुके दोनों आरोपियों की सजा कम कर दी।