शिमला/देहरादून, 8 जुलाई (एजेंसी)
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इस बीच, दोनों प्रदेशों के अलग-अलग इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। कुछ इलाकों में हालात खराब हैं।
हिमाचल प्रदेश के लिए मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर में बाढ़ के खतरे का अंदेशा जताया है। मौसम विभाग ने ‘येलो’ अलर्ट भी जारी किया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, सबसे अधिक प्रभावित मंडी जिले में 153 मार्गों समेत कुल 225 सड़कें बंद कर दी गई हैं। हिमाचल प्रदेश में एक जून से आठ जुलाई तक 203.2 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई है, जबकि इस अवधि में सामान्यत: 152.6 मिमी वर्षा होती है। इस दौरान मंडी जिले में 110 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई, शिमला में 89 फीसदी और ऊना में 86 फीसदी वर्षा हुई। अधिकारियों ने बताया कि 20 जून को मानसून के आगमन के बाद से हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की 23, बादल फटने की 19 और भूस्खलन की 16 घटनाएं हुईं। इस मौसम में अब तक 80 मौतें हुई हैं। इनमें से 52 की जान बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं में गयी। उधर, उत्तराखंड के भी कई इलाकों में भूस्खलन के कारण रास्ते बंद हो गये हैं। लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कत हो रही है। बचावकर्मी दिनरात काम में जुटे हैं। रुक-रुककर हो रही बरसात राहत कार्यों में खलल डाल रही है।
11 नदियों का बहाव चेतावनी स्तर से ऊपर
नयी दिल्ली : केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने बताया कि असम, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में चार नदियों में भीषण बाढ़ आ गयी है, जबकि 11 अन्य नदियां चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही हैं। सीडब्ल्यूसी ने 35 बांधों और बैराज के लिए जलप्रवाह पूर्वानुमान जारी किए हैं, जहां पानी का बहाव खतरे की सीमा से ऊपर पहुंच गया है।