वाराणसी, 18 मई (एजेंसी)
ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने यहां के वजू खाने में मिले ‘शिवलिंग’ को फव्वारा बताने वाले मुस्लिम पक्ष को अपना दावा साबित करने की चुनौती दी है। ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने इसे स्वीकार करते हुए कहा है कि उसे फव्वारे को चला कर दिखाने में कोई परेशानी नहीं है। जैन ने कहा, ‘अगर वह फव्वारा है तो उसके नीचे पानी की आपूर्ति की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। जहां शिवलिंग मिला है उसके नीचे तहखाने की जांच की जाए और शिवलिंग के आकार को नापने की भी इजाजत दी जाए।’
इस बीच, ज्ञानवापी मस्जिद की रखरखावकर्ता संस्था ‘अंजुमन इंतजामिया मसाजिद’ के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा, ‘अगर हमें इजाजत दी जाए तो हम उस फव्वारे के नीचे पाइप लगाकर पानी निकालने को भी तैयार हैं। हौज (जलकुंड) में पहले सरकारी पाइप से पानी भरा जाता था, अब कुएं से जेट पंप लगाकर पानी भरा जाता है। फव्वारे के पास भी पाइप लगा है ताकि पानी निकले।’ यासीन ने बताया कि फव्वारे की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, उसमें ऊपर की तरफ चार निशान बने हुए हैं। उन्हीं में से फव्वारा निकलता था। हम उसे चला कर दिखा देंगे। उन्होंने बताया कि सर्वे वाले दिन उन निशानों में से एक में एक सलाई डाली गई थी जो लगभग 64 सेंटीमीटर अंदर चली गई थी। यानी कि वह छेद है जिसमें से पानी निकलता था। गौरतलब है कि पिछली 16 मई को अदालत के आदेश पर संपन्न हुए ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद के वजू खाने में बने हौज में शिवलिंग मिलने का दावा किया था। उसके बाद अदालत के निर्देश पर उस स्थान को सील कर दिया गया। मुस्लिम पक्ष शुरू से ही शिवलिंग बताए जा रहे पत्थर को फव्वारा करार दे रहा है।
वकीलों की हड़ताल, नहीं हुई सुनवाई :
ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मामले में एक सरकारी अधिकारी की टिप्पणी के विरोध में वकीलों की हड़ताल के बाद बुधवार को यहां की स्थानीय अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी। गौर हो कि एक अर्जी में मांग की गयी कि नंदी के मुख के सामने वाले तहखाने को मलबे से ढक दिया गया है, जिसे हटाते हुए कमीशन की कार्रवाई की जाये। अदालत ने इस अर्जी को स्वीकार करते हुए बुधवार को सुनवाई का आदेश दिया था।