नयी दिल्ली, 27 मई (एजेंसी)
माइक्रोब्लॉगिंग मंच ट्विटर और सरकार के बीच टकराव बढ़ गया है। ट्विटर ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारत में अपने कर्मचारियों के संबंध में हालिया घटनाओं और यूजर्स की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संभावित खतरे से चिंतित है। ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत और दुनियाभर में नागरिक समाज के कई लोगों के साथ ही हम पुलिस द्वारा धमकाने की रणनीति के इस्तेमाल से चिंतित हैं।’ ट्विटर ने कहा कि वह अपनी सेवाएं जारी रखने के लिए भारत में लागू कानूनों का पालन करने की कोशिश करेगा, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि वह कानून के दायरे में रहकर पारदर्शिता के सिद्धांतों, हर आवाज को सशक्त बनाने, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
ट्विटर का यह बयान भाजपा और कांग्रेस के बीच टूलकिट विवाद से जुड़े घटनाक्रम के बाद आया है। भाजपा ने कांग्रेस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘कोविड-टूलकिट’ बनाने का आरोप लगाया था। इन आरोपों को गलत बताते हुए कांग्रेस ने पुलिस को शिकायत दी थी। इन आरोपों को लेकर भाजपा नेताओं के ट्वीट पर ट्विटर ने ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ का टैग लगा दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस के विशेष सेल ने सोमवार को कथित ‘कोविड टूलकिट’ के बारे में एक शिकायत की जांच के संबंध में ट्विटर इंडिया को नोटिस भेजा था। दिल्ली के लाडो सराय और गुरुग्राम में ट्विटर के दफ्तरों पर पुलिस के 2 दल भी पहुंचे थे।
कानून व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास : केंद्र
नयी दिल्ली, 27 मई (एजेंसी)
पुलिस के जरिये डराने-धमकाने के आरोप को पूरी तरह आधारहीन और गलत बताते हुए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर के बयान की निंदा की और कहा कि यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए शर्तों को निर्धारित करने का एक प्रयास है। मंत्रालय ने कहा कि ट्विटर अपने इस कदम के जरिये जानबूझकर आदेश का पालन नहीं करके भारत की कानून व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि ट्विटर सहित सोशल मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधि, भारत में हमेशा सुरक्षित हैं और रहेंगे, उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा कि ‘टूलकिट’ मामले में चल रही जांच पर ट्विटर का बयान झूठा है और यह कानूनी जांच में बाधा का प्रयास है।
दुरुपयोग रोकेंगे नये नियम : सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को कहा कि व्हाट्सएप के आम यूजर्स को नये सोशल मीडिया नियमों से डरने की कोई जरूरत नहीं है। ये नियम सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए तैयार किए गये हैं। इनका मूल मकसद यह पता लगाना है कि अपराधों को अंजाम देने वाले संदेश को किसने शुरू किया। उन्होंने कहा कि नये नियमों के तहत यूजर्स के पास शिकायत निवारण के लिए एक मजबूत तंत्र होगा। प्रसाद ने माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच कू पर पोस्ट किया, और साथ ही ट्वीट भी किया, ‘नये नियम किसी दुर्व्यवहार और दुरुपयोग की स्थिति में सोशल मीडिया के सामान्य यूजर्स को सशक्त बनाते हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार निजता के अधिकार को पूरी तरह से मानती है और उसका सम्मान करती है।