Cloud burst in Uttarkashi: उत्तरकाशी के सिलाईबैंड में बादल फटने से दो लोगों की मौत, सात लोग लापता
उत्तरकाशी, 29 जून (भाषा) Cloud burst in Uttarkashi: लगातार बारिश के बीच उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार तड़के बड़कोट क्षेत्र में पालीगाड़ और ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास बादल फटने से दो मजदूरों की...
उत्तरकाशी, 29 जून (भाषा)
Cloud burst in Uttarkashi: लगातार बारिश के बीच उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार तड़के बड़कोट क्षेत्र में पालीगाड़ और ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास बादल फटने से दो मजदूरों की मौत हो गयी तथा सात अन्य लापता हो गए। इस बीच, प्रदेश में वर्षा और उसके कारण भूस्खलन सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं की आशंका के मद्देनजर चारधाम यात्रा 24 घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी है।
उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने यहां बताया कि रविवार तड़के करीब तीन बजे हुई घटना में लापता हुए मजदूरों के शव बरामद हो गए हैं। ये शव घटनास्थल से 18 किलोमीटर दूर यमुना नदी तट पर तिलाड़ी शहीद स्मारक के पास मिले। उनकी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त स्थान पर लेवर कैम्प भू-स्खलन की चपेट मे आ गया, कैम्प मे 19 श्रमिक स्टे कर रहे थे, जिनमें 10 श्रमिक सुरक्षित हैं, जिनको रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है। 9 लापता लोगों की सर्चिंग हेतु रेस्क्यू कार्य गतिमान है।
— Uttarkashi Police Uttarakhand (@UttarkashiPol) June 29, 2025
उन्होंने बताया कि पानी और मलबे के साथ बह गए सात अन्य लापता मजदूरों को ढूंढने के लिए पुलिस, प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल सहित अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य चला रही हैं।
सिलाईबैंड के पास एक होटल के निर्माण कार्य में लगे 29 मजदूर वहीं रहते थे जिनमें से 20 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने कहा कि होटल के पास यह एक नया भूस्खलन क्षेत्र विकसित हुआ है।
उक्त स्थान पर यमुनोत्री हाइवे का 10-12 मीटर हिस्सा वास आउट हो गया है, मार्ग को सुचारु करने का कार्य जारी है, मार्ग सुचारु होने मे समय लग सकता है। सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस द्वारा तीर्थंयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है।#RoadUpdate #rescue pic.twitter.com/2Z30vgk0hv
— Uttarkashi Police Uttarakhand (@UttarkashiPol) June 29, 2025
बड़कोट के थाना प्रभारी दीपक कठेत ने बताया कि हादसे में लापता मजदूर नेपाली मूल के हैं। बादल फटने के बाद से सिलाई बैंड के अलावा यमुनोत्री राजमार्ग दो से तीन अन्य जगहों पर भी बंद है जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम खोलने के प्रयास में जुटी है।
वहीं, ओजरी के पास सड़क संपर्क टूट गया है। जिला आपदा नियंत्रण कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, लगातार बारिश के कारण यमुना नदी का भी जलस्तर बढ़ा हुआ है जबकि स्यानाचट्टी में भी कुपड़ा कुंशाला त्रिखिली मोटर पुल खतरे में आ गया है। जानकारी में कहा गया है कि कुथनौर में भी अतिवृष्टि तथा बादल फटने के कारण स्थानीय ग्रामीणों की कृषि भूमि को नुकसान पहुंचने की सूचना है और खेतों में मलबा भर गया है।
हांलांकि, कुथनौर मे फिलहाल किसी प्रकार की कोई जनहानि या पशुहानि की सूचना नहीं है। मौसम विभाग ने चंपावत, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी और उधमसिंह नगर जिलों के कुछ स्थानों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हो रही बारिश की स्थिति की जानकारी लेने के लिए स्वयं राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे हैं।
इस बीच, लगातार जारी वर्षा और उससे आपदाओं की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने रविवार को चारधाम यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने यहां कहा कि वर्तमान मौसमी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि आगे की यात्रा को लेकर निर्णय सोमवार को मौसम की स्थिति और मार्गों की समीक्षा के पश्चात लिया जाएगा। आयुक्त ने श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और मौसम सामान्य होने तक यात्रा स्थलों की ओर प्रस्थान न करें।
पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश के कारण कई जगह मार्ग भूस्खलन के कारण अवरूद्ध हैं जिस कारण गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारानाथ और बदरीनाथ की यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को मौसम संबंधी जानकारी लेने के बाद ही यात्रा करने तथा इस दौरान सतर्क रहने की अपील की गयी है। प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि यात्रियों को सलाह दी गयी है कि बहुत जरूरी न होने पर बारिश के दौरान यात्रा न करें और सुरक्षित स्थान पर रूक कर बारिश के बंद होने की प्रतीक्षा करें।