लखनऊ, 25 जून (एजेंसी) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को शनिवार को समर्थन देने की घोषणा की। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, ‘हमने राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजग की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘हमारा यह फैसला न तो भाजपा या राजग के समर्थन में है और न ही विपक्ष के खिलाफ है, बल्कि अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते हुए हमने यह फैसला किया है।’ मायावती ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी के विचार और देश में एक सक्षम एवं समर्पित जनजातीय महिला को राष्ट्रपति बनाने के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का फैसला करते समय बसपा को परामर्श से बाहर रखने के लिए मायावती ने विपक्षी दलों की भी आलोचना की और कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव पर अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। गौरतलब है कि सत्तारूढ़ राजग की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 27 जून को राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाले हैं। मतदान 18 जुलाई को होगा और वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।