नयी दिल्ली, 14 मई (एजेंसी)
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई देश के 52वें चीफ जस्टिस बन गये हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को उन्हें शपथ दिलाई। राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में उन्होंने हिंदी में शपथ ली। इसके तुरंत बाद उन्होंने अपनी मां कमल ताई गवई के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। समारोह में मौजूद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों और पूर्व न्यायाधीशों ने उन्हें बधाई दी।
जस्टिस गवई का कार्यकाल छह महीने से अधिक समय का होगा और वह 23 नवंबर तक पद पर रहेंगे। जस्टिस गवई देश के पहले बौद्ध सीजेआई हैं और जस्टिस केजी बालाकृष्णन के बाद दूसरे दलित प्रधान न्यायाधीश हैं। वह अनुच्छेद 370 समाप्त करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखने समेत कई अहम फैसले देने वाली संविधान पीठों में शामिल रहे हैं। जस्टिस गवई की मौजूदगी वाली पांच-सदस्यीय पीठ ने चुनावी बॉन्ड’ योजना को रद्द कर दिया था। उनका जन्म महाराष्ट्र के अमरावती में 24 नवंबर, 1960 को हुआ था।