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नौकरी मांगने वाले नहीं, देने वाले बनो : द्रौपदी मुर्मू

कुमार मुकेश/हप्र हिसार, 10 मार्च गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (गुजविप्रौवि) के छठे दीक्षांत समारोह में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि रोजगार पाने की मानसिकता के बजाय, रोजगार पैदा करने की मानसिकता अपनाएं।...
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गुजविप्रौवि हिसार में सोमवार को आयोजित दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान करतीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू। -हप्र
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कुमार मुकेश/हप्र

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हिसार, 10 मार्च

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (गुजविप्रौवि) के छठे दीक्षांत समारोह में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि रोजगार पाने की मानसिकता के बजाय, रोजगार पैदा करने की मानसिकता अपनाएं। उन्होंने कहा कि इस सोच के साथ आगे बढ़ने पर वे अपने ज्ञान एवं कौशल का समाज के लिए बेहतर उपयोग कर सकेंगे और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान दे सकेंगे।

समारोह की अध्यक्षता हरियाणा के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने की। जनस्वास्थ्य एवं लोक निर्माण विभाग मंत्री रणबीर सिंह गंगवा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई के नेतृत्व में किया गया। समारोह में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रवेश को पीएचडी की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। राष्ट्रपति की पुत्री इतिश्री मुर्मू भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।

समारोह में 2090 विद्यार्थयों को डिग्रियां वितरित की गयीं। इसके अलावा 561 पीएचडी उपाधियां, 564 विश्वविद्यालय मेडल प्रदान किए गये।

राष्ट्रपति ने कहा कि पीएचडी उपाधियां प्राप्त करने वालों में लड़कियों की संख्या 60 प्रतिशत और विश्वविद्यालय पदक प्राप्त करने वालों में 75 प्रतिशत के करीब है, जो हर क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतीक है।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश के संतुलित एवं सतत विकास के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षा एवं प्रौद्योगिकी का लाभ गांवों तक पहुंचे। इस संदर्भ में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि इस विश्वविद्यालय में छोटे शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में विद्यार्थी आते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने गांव एवं शहर के लोगों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी, जिनके सम्मान में इस विश्वविद्यालय का नाम रखा गया, एक महान संत और दार्शनिक थे। वे वैज्ञानिक सोच, नैतिक जीवनशैली और पर्यावरण संरक्षण के प्रबल समर्थक थे। आज जब हम पर्यावरण संबंधी समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास कर रहे हैं, तो गुरु जम्भेश्वर जी की शिक्षाएं बहुत प्रासंगिक हैं।

ब्लॉक चेन आधारित डिग्रियां देने वाला प्रदेश का पहला विवि : कुलपति

दीक्षांत समारोह के दौरान सभी विद्यार्थियों को ब्लॉक चेन आधारित डिग्री उनकी ईमेल आईडी पर मेल भी की गयी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि गुजविप्रौवि ब्लॉक चेन तकनीक पर आधारित डिग्रियां प्रदान करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। ब्लॉक चेन पर आधारित डिग्री को डिजिटल रूप से सुरक्षित किया गया है, जिससे यह किसी भी प्रकार के बदलाव या धोखाधड़ी से सुरक्षित होगी। इस अत्यंत सुरक्षित तकनीक से नियोक्ता अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिग्री की सत्यता एवं प्रामाणिकता की पुष्टि दुनिया के किसी भी कोने से तुरंत कर सकेंगे।

चुनौतियों को अवसरों में बदल सकता है ज्ञान : दत्तात्रेय

हरियाणा के राज्यपाल एवं गुजविप्रौवि के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने विद्यार्थियों से कहा कि यह दिन केवल एक डिग्री प्राप्त करने का नहीं, बल्कि एक नयी यात्रा के प्रारंभ का प्रतीक है। यह क्षण आपके जीवन की उस मेहनत और संघर्ष की स्वीकृति है, जो आपने वर्षों तक अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए की। हम एक ऐसे समय में हैं जहां जलवायु परिवर्तन, तकनीकी क्रांति और आर्थिक परिवर्तन जैसी चुनौतियां हमारे सामने हैं। आपके ज्ञान और नवाचार की शक्ति इन चुनौतियों को अवसरों में बदल सकती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें नौकरी ढूंढने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनना चाहिए।

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