Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Axiom-4 मिशन : शुभांशु शुक्ला सहित चार अंतरिक्षयात्री आज पृथ्वी पर लौटेंगे

नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा)एक्सिओम-4 मिशन में शामिल भारतीय मूल के अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्षयात्री आज पृथ्वी पर वापसी करेंगे। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन बिताने के बाद, सभी यात्रियों को लेकर आ रहा ड्रैगन...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा)
एक्सिओम-4 मिशन में शामिल भारतीय मूल के अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्षयात्री आज पृथ्वी पर वापसी करेंगे। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन बिताने के बाद, सभी यात्रियों को लेकर आ रहा ड्रैगन ‘ग्रेस’ यान मंगलवार दोपहर करीब 3:01 बजे (भारतीय समयानुसार) प्रशांत महासागर में उतरने वाला है।

Advertisement

स्पेसएक्स द्वारा संचालित इस मिशन में शुक्ला के साथ कमांडर पैगी व्हिट्सन, पोलैंड के स्लावोज़ उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू शामिल हैं। चारों अंतरिक्षयात्री सोमवार शाम 4:45 बजे आईएसएस से अलग हुए। अब वे करीब 22.5 घंटे की पृथ्वी वापसी यात्रा पर हैं।

स्पेसएक्स ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि ड्रैगन यान के मंगलवार को सैन डिएगो तट के पास समुद्र में उतरने की उम्मीद है। पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश से कुछ क्षण पहले, यान एक संक्षिप्त ध्वनि विस्फोट (sonic boom) से अपने आगमन की घोषणा करेगा।

इससे पहले, आज दोपहर 2:07 बजे ‘डी-ऑर्बिट बर्न’ प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। यह वह तकनीकी प्रक्रिया है जिसके तहत यान की गति को कम किया जाता है, ताकि वह कक्षा छोड़कर पृथ्वी के वायुमंडल में सुरक्षित प्रवेश कर सके।

क्या है ‘डी-ऑर्बिट बर्न’?


जब कोई अंतरिक्ष यान पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा होता है और उसे लौटना होता है, तो उसकी गति को थ्रस्टर्स के जरिए कम किया जाता है। यही नियंत्रित रफ़्तार यान को सही एंगल से वायुमंडल में प्रवेश और सुरक्षित लैंडिंग में मदद करती है।

एक्सिओम-4 मिशन की यह वापसी न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत के लिए भी गौरव का क्षण है, क्योंकि इसमें शुभांशु शुक्ला जैसे भारतीय मूल के वैज्ञानिक की भागीदारी रही है।

Advertisement
×