एक्सिओम-4 मिशन : दोपहर 3.01 बजे कैलिफोर्निया तट पर उतरेगा डैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान
नयी दिल्ली, 14 जुलाई (एजेंसी)
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 18 दिन बिताने के बाद सोमवार को शुभांशु शुक्ला और वाणिज्यिक एक्सिओम-4 मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी की वापसी यात्रा शुरू हो गई। उन्हें वापस ला रहा ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान भारतीय समयानुसार शाम 4:45 बजे स्पेस स्टेशन से अलग हुआ। इसमें मूल कार्यक्रम से 10 मिनट की देरी हुई और कक्षीय प्रयोगशाला से दूर जाने के लिए उसने दो बार थ्रस्टर चालू किए। तय कार्यक्रम के अनुसार, अंतरिक्ष यान को भारतीय समयानुसार मंगलवार दोपहर 3:01 बजे कैलिफोर्निया तट पर उतरना है। रविवार को स्पेस स्टेशन पर विदाई समारोह में शुक्ला ने कहा था- जल्दी ही धरती पर मुलाकात करते हैं।
एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुक्ला, पैगी व्हिटसन, स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और टिबोर कापू ने 26 जून को स्पेस स्टेशन से जुड़ने के बाद से लगभग 76 लाख मील की दूरी तय करते हुए पृथ्वी के चारों तरफ लगभग 433 घंटे या 18 दिन में 288 परिक्रमाएं कीं।
गले मिलने और हाथ मिलाने के बाद, चारों अंतरिक्ष यात्रियों ने ‘अनडॉकिंग’ से लगभग दो घंटे पहले अंतरिक्ष यान में प्रवेश किया और स्पेस सूट पहने। भारतीय समयानुसार अपराह्न 2:37 बजे यान को स्पेस स्टेशन से जोड़ने वाला हैच बंद कर दिया गया। स्पेस स्टेशन के आसपास के सुरक्षित क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद, अंतरिक्ष यात्रियों ने पृथ्वी पर वापसी की 22.5 घंटे की आरामदायक यात्रा के लिए अपने स्पेससूट उतार दिए। धरती पर उतरने के दौरान अंतरिक्ष यान द्वारा ‘डी-ऑर्बिट’ प्रक्रिया शुरू करने से पहले, अंतरिक्ष यात्री एक बार फिर स्पेससूट पहनेंगे। अंतिम तैयारियों में कैप्सूल के ट्रंक को अलग करना और वायुमंडल में प्रवेश से पहले हीट शील्ड को स्थापित करना शामिल है, जिससे अंतरिक्ष यान लगभग 1600 डिग्री सेल्सियस के तापमान के संपर्क में आएगा। पैराशूट दो चरण में खोले जाएंगे- पहले लगभग 5.7 किमी की ऊंचाई पर स्थिरीकरण पैराशूट, उसके बाद लगभग दो किमी की ऊंचाई पर मुख्य पैराशूट। वापसी के बाद चारों अंतरिक्ष यात्रियों को पुनर्वास में सात दिन बिताने होंगे।
परिवार को बेसब्री से इंतजार
लखनऊ : शुभांशु शुक्ला का परिवार उनकी सुरक्षित वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। परिवार ने इसे बेहद गर्व और भावनात्मक उत्साह का क्षण बताया है। लखनऊ स्थित अपने आवास पर शुभांशु की मां आशा देवी ने कहा कि हम उससे मिलने के लिए बेताब हैं। सावन के पहले सोमवार को परिवार ने मंदिर में भगवान शिव से उनकी सकुशल वापसी की प्रार्थना की। शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने अपने बेटे के अंतरिक्ष मिशन में सहयोग के लिए जनता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, शुभांशु ने हमें दिखाया कि वह अंतरिक्ष में कहां रहता है, काम कैसे करता है और कहां सोता है। वे बेल्ट से बंधे हुए, खड़े-खड़े सोते हैं।