नयी दिल्ली, 15 फरवरी (एजेंसी)
पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिनों पहले मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में कहा कि वह पार्टी से बाहर रहकर देश के लिए बेहतर तरीके से कार्य कर सकते हैं। इस्तीफा देने के बाद एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी जमीनी हकीकत से दूर जा चुकी है और अब राष्ट्रीय मिजाज को प्रदर्शित नहीं करती। उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी के भीतर धैर्य रखने की पराकाष्ठा तक पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में प्रेरक नेतृत्व का अभाव है और वह अस्तित्व की चुनौती का सामना कर रही है। कुमार ने दावा किया कि कांग्रेस अपने पतन ओर बढ़ रही है, लेकिन वह आत्मावलोकन करने के लिए तैयार नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि क्या पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिनों पहले कांग्रेस छोड़ने का कोई विशेष कारण है, उन्होंने कहा, ‘पंजाब में राजनीतिक विमर्श कभी इतने निचले स्तर का नहीं था। मुख्यमंत्री पद को लेकर सरेआम लड़ाई कांग्रेस के लिए खराब स्थिति रही और इस घटनाक्रम ने हम सभी को तुच्छ साबित किया।’ उन्होंने कहा, ‘पंजाब के चुनाव परिणाम कई लोगों को चौंकाएंगे। मुझे लगता है कि आम आदमी पार्टी आसानी से अगली सरकार बना लेगी।’
उनमें समर्पण का अभाव था : कांग्रेस
अश्विनी कुमार के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने कहा कि उनमें पार्टी की विचारधारा के प्रति समर्पण का अभाव था। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ‘कोई पार्टी छोड़ता है तो बुरा लगता है। हम एक वैचारिक लड़ाई लड़ रहे हैं। जिनमें विचाराधारा की प्रतिबद्धता की कमी होती है, वो छोड़कर चले जाते हैं। उनमें (अश्विनी कुमार) कांग्रेस की विचारधारा के प्रति समर्पण का अभाव था। वह वैचारिक रूप से कांग्रेस की नीयत, नीति और नेतृत्व के प्रति समर्पित नहीं थे।’