Amit Shah Security Lapse Case : गृह मंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला... डीएसपी-इंस्पेक्टर ने तोड़ा था सिक्योरिटी प्लान, पहले जारी हो चुका नोटिस
केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिस के बाद सरकार ने बनाई जांच कमेटी, एक आईएएस और एक आईपीएस अधिकारी को भी किया शामिल
चंडीगढ़, 2 मई (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)
Amit Shah Security Lapse Case : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हरियाणा दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में हुई चूक पर प्रदेश की नायब सरकार ने कड़ा नोटिस लिया है। सरकार ने इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा जस्टिस (सेवानिवृत्त) एचएस भल्ला को सौंपा है। उनके नेतृत्व में बनाई गई कमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव विजेंद्र कुमार तथा एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) संजय कुमार कुमार को भी शामिल किया है।
अमित शाह 31 मार्च को हिसार के अग्रोहा में आए थे। उनके दौरे के दौरान डीएसपी और इंस्पेक्टर पर सिक्योरिटी प्लान तोड़ने के आरोप हैं। दोनों को पहले ही पुलिस मुख्यालय से कारण बताओ नोटिस दिया जा चुका है। माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस चूक को गंभीरता से लिया गया था। इसी के चलते अब सरकार ने कमेटी का गठन किया है। कमेटी जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी।
माना जा रहा है कि पुलिस अधिकारियों के बीच आपसी तालमेल की कमी के चलते केंद्रीय गृह मंत्री की सुरक्षा में चूक हुई। सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री की सुरक्षा ड्यूटी में तैनात डीएसपी और इंस्पेक्टर अपनी तैनाती की जगह पर नहीं थे। इतना ही नहीं, इस दिन और भी कई तरह की चूक सामने आई थीं। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि एमएचए की ओर से प्रदेश सरकार से लिखित में इस पूरे मामले में जानकारी तलब की गई है।
गृह मंत्रालय की ओर से 15 अप्रैल को हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजपी) को इस संदर्भ में पत्र भी लिखा गया था। सुरक्षा में चूक की रिपोर्ट के साथ-साथ प्रदेश के इन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे कदम उठाएं, जिससे भविष्य में इस तरह की गलती को दोबारा ना दोहराई जाए। ये निर्देश अकेले गृह मंत्री ही नहीं बल्कि सभी वीवीआईपी और अति-विशिष्ट गणमान्य के दौरों को लेकर दी गई है। गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद सरकार ने जस्टिस भल्ला की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करके पूरे मामले की जांच करवाने का निर्णय लिया है।
इस तरह समझें पूरा मामला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 31 मार्च को हिसार में महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे। बताते हैं कि अनावरण स्थल से हेलीपैड की ओर जाते समय गृह मंत्री के काफिले को गलत मोड़ा गया। ऐसे में काफिले को ओपी जिंदल ऑडिटोरियम के प्रवेश द्वार के सामने से वापस मुड़ना पड़ा। रूट के नक्शे में यह जगह काफिल के लिए तय नहीं थी।
इसी तरह से मुख्य मंच पर तीन बैठने वाले नेताओं के नाम पहले से तय थे लेकिन सूची में नहीं होने के बाद भी तीन नेता मुख्य मंच तक पहुंच गए थे। बाद में एक नेता तो मंच से उतर गए लेकिन दो वहीं पर बैठे रहे। कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री जब मंच के पीछे ग्रीन रूम में पहुंचे तो वहां सुरक्षा व्यवस्था में तैनात अधिकारी मौजूद नहीं थे। हेलीपैड के बाहरी घेरे की सुरक्षा में एक डीएसपी और इंस्पेक्टर की ड्यूटी थी लेकिन वे भी मौके पर मौजूद नहीं थे।